गुमला
. गुमला में गुरुनानक देव की जयंती व प्रकाश पर्व पर कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. गुमला शहर के जशपुर रोड गुरुद्वारा में लंगर का आयोजन किया गया. गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी भाई जरनैल सिंह एवं सभी श्रद्धालुओं ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सहज पाठ समाप्त कराया. गुरु के निशान साहिब की सेवा की गयी. धनबाद से आये भाई मनप्रीत सिंह रागी जत्था ने गुरु के शबद -कीर्तन का गायन किया. गुरु का शबद गायन करते हुए बुराइयों से बचने व गुरु के बताये सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी. गुरुद्वारा के अध्यक्ष जगजीत सिंह की अगुआई में गुरुद्वारा में लंगर प्रसाद ग्रहण किया गया. इस अवसर पर शिक्षा विभाग के बीपीओ दिलदार सिंह ने बताया कि भारत -पाकिस्तान के विभाजन के बाद पाकिस्तान की तरफ के पंजाब के सिख संप्रदाय के कुछ परिवार रोजी -रोटी की तलाश में गुमला की धरती पर आये थे, जो यहीं के होकर रह गये. गुमला में लगभग 100 की संख्या में सिख परिवार एक सप्ताह तक गुरुनानक जयंती मनाते हुए अपने लोगों को गुरु के आदर्श पर चलने की प्रेरणा देते हैं. रंजीत सिंह सरदार ने कहा कि गुरुनानक देव भाईचारा, एकता और जातिवाद को मिटाने के लिए कई उपदेश दिये. गुरुनानक देव ने एकक ओंकार का नारा दिया. यानी ईश्वर एक हैं. वह सभी जगह मौजूद हैं. कभी भी किसी का हक नहीं छीनना चाहिए. अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है. विनम्र होकर सेवाभाव से जीवन गुजारना चाहिए. मौके पर सरदार महेंद्र सिंह, तेजस सिंह, अनमोल सिंह, गुलशन सिंह, प्रभजोत सिंह, प्रीतम सिंह, अनिकपाल सिंह, अर्शदीप सिंह, कुलदीप सिंह, करणवीर सिंह, जसवंत कौर, कमलेश कौर, रवींद्र कौर, राजिंदर कौर, अवनीत कौर, इंजू कौर, इंदु कौर, कवलजीत कौर, निर्मल कौर, रिंकी कौर, कमलजीत कौर, हरजीत कौर, तरणदीप कौर, चरणजीत कौर, सरदार अमरजीत सिंह, सुरेंद्र सिंह, दिलदार सिंह, राजा सिंह, हरजीत सिंह, गुरजीत सिंह, महेंद्र सिंह, गुरविंदर सिंह, रज्जी, प्रिंस, छोटू, राजू मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है