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Jharkhand News : नहीं बदल रही रूढ़िवादी सोच, अब भी बोझ हैं बेटियां, सख्ती को लेकर ये है तैयारी

कोडरमा जिले में कुल 20 अल्ट्रासाउंड सेंटर को पूर्व से अब तक लाइसेंस निर्गत किया गया है, जिसमें से चार के विरुद्व पीसीपीएनडीटी एक्ट व अन्य आरोपों के तहत कार्रवाई चल रही है, जबकि एक अल्ट्रासाउंड ऐसा भी पकड़ा गया था जो डॉक्टर के घर पर बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा था.

Jharkhand News, कोडरमा न्यूज (विकास) : तमाम जागरूकता अभियान और सरकारी योजनाओं के बावजूद बेटा व बेटी में फर्क रखने की रूढ़िवादी सोच नहीं बदल पा रही है. बेटियां बेशक आज पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं, पर बिटिया को जन्म देना शायद अब भी बोझा माना जा रहा है. जी हां, कोडरमा जिले में लिंगानुपात का गिरता आंकड़ा इसी बात की ओर इशारा कर रहा है. कोडरमा में बीस सालों बाद लिंगानुपात गिरकर 851/1000 पर पहुंच गया है. स्थिति इतनी खराब हो गई है कि लिंगानुपात में कोडरमा की स्थिति राज्य के अन्य सभी जिलों से सबसे खराब है. अब सख्ती को लेकर जिले में संचालित सभी अल्ट्रासाउंड सेंटरों के अल्ट्रासाउंड कक्ष में भी सीसीटीवी कैमरा लगवाने का आदेश जारी किया गया है.

झारखंड के एचएमआईएस (हेल्थ मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम) के आंकड़ों के अनुसार लाइव बर्थ सेक्स रेसियो में कोडरमा 24वें स्थान पर है. बदतर स्थिति को देखते हुए कोडरमा जिला प्रशासन अब सख्ती की तैयारी में है. खासकर चोरी छिपे होने वाले गैर कानूनी भ्रूण जांच पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. जिले में संचालित सभी अल्ट्रासाउंड सेंटर के अल्ट्रासाउंड कक्ष में भी सीसीटीवी कैमरा लगवाने का आदेश निकाला गया है, ताकि यहां हो रही सारी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. कोडरमा संभवत: राज्य में पहला जिला है जहां अल्ट्रासाउंड कक्ष के अंदर कैमरा लगाने का आदेश प्रशासन ने निकाला है. जारी आदेश में इस बात का स्पष्ट जिक्र है कि अल्ट्रासाउंड कक्ष व प्रतीक्षा कक्ष में सीसीटीवी (साउंड रिकोर्डर के साथ) लगाना सुनिश्चित करें. कक्ष में कैमरा इस तरह लगाएं कि चिकित्सक दिखाई दें, पर यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यूएसजी कराने वाले मरीज की गोपनीयता भंग न हो. इसके अलावा केंद्र के बाहर अल्ट्रासाउंड करने वाले चिकित्सक का नाम, योग्यता, मोबाइल नंबर व 8*8 साइज की फोटो, एसडीओ व थाना का नंबर प्रदर्शित करने का आदेश दिया गया है. इस नए आदेश के बाद हड़कंप वाली स्थिति है.

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जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर कोडरमा में लिंगानुपात 950/1000 था. 2011-12 में लिंगानुपात 856/1000 था. बीच के वर्षों में कुछ उतार चढ़ाव के बाद एक बार फिर यह 851/1000 पर पहुंच गया है. वर्ष 2017-18 व 2018-19 में तो यह 814 व 817 हो गया था. इसके बाद कुछ सख्ती शुरू हुई तो थोड़ा बहुत सुधार दिखा, लेकिन पिछले दो वर्षों में फिर से आकड़े चिंताजनक दिख रहे हैं. वर्ष 2018-19 में लिंगानुपात 818 के साथ कोडरमा जिला 24वें स्थान पर था, जबकि 2019-20 में 876 के साथ 23वें स्थान पर पहुंचा, पर 2020-21 में लिंगानुपात 851 के साथ फिर जिला फिर से 24वें स्थान पर पहुंच गया. इस वर्ष कुल जन्मे 15438 बच्चों में 8342 लड़के व 7096 लड़कियां थीं, जबकि चालू वर्ष की बात करें तो वर्ष 2021-22 में अप्रैल से सितंबर तक कुल 6527 बच्चों का जन्म रिकॉर्ड के अनुसार हुआ है, जिसमें 3495 लड़के व 3032 लड़कियां हैं. यह दर 1000 में 868 है.

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स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कोडरमा जिले में कुल 20 अल्ट्रासाउंड सेंटर को पूर्व से अब तक लाइसेंस निर्गत किया गया है, जिसमें से चार के विरुद्व पीसीपीएनडीटी एक्ट व अन्य आरोपों के तहत कार्रवाई चल रही है, जबकि एक अल्ट्रासाउंड ऐसा भी पकड़ा गया था जो डॉक्टर के घर पर बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा था. इन पांच को छोड़ बचे 16 सेंटर में वर्तमान में मात्र 11 केंद्र ही ऑन रिकॉर्ड संचालित हैं. बावजूद भ्रूण जांच को लेकर सवाल उठते रहते हैं.

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कोडरमा में इस तरह गिरा वर्ष वार लिंगानुपात

वर्ष 2010-11 : 960

वर्ष 2011-12 : 856

वर्ष 2012-13 : 878

वर्ष 2013-14 : 876

वर्ष 2014-15 : 872

वर्ष 2015-16 : 870

वर्ष 2016-17 : 855

वर्ष 2017-18 : 814

वर्ष 2018-19 : 817

वर्ष 2019-20 : 877

वर्ष 2020-21 : 851

वर्ष 2021-22 (अप्रैल से सितंबर 21) : 868

(नोट : आंकड़े एचएमआईएस के आधार पर प्रति 1000 लड़कों पर आधारित है.)

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झारखंड के विभिन्न जिलों की स्थिति

1. लोहरदग्गा : 992

2. पूर्वी सिंहभूम : 990

3. खूंटी : 989

4. पश्चिमी सिंहभूम : 973

5. सरायकेला खरसावां : 972

6. पाकुड : 969

7. जामताड़ा : 968

8. साहेबगंज : 959

9. सिमडेगा : 956

10. दुमका : 954

11. गुमला : 947

12. गोड्डा : 942

13. लातेहार : 941

14. गढ़वा : 940

15. रांची : 937

16. बोकारो : 932

17. पलामू : 927

18. चतरा : 925

19. धनबाद : 917

20. रामगढ़ : 900

21. गिरिडीह : 894

22. हजारीबाग : 892

23. देवघर : 879

24. कोडरमा : 851

(नोट : लिंगानुपात से संबंधित ये आंकड़े राज्य के एचएमआईएस के तहत वर्ष 2020-21 के हैं.)

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उपायुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि लिंगानुपात के मामले में एचएमआईएस के आंकड़े वाकई चिंताजनक स्थिति दर्शा रहे हैं. पीसीपीएनडीटी एक्ट के सख्त अनुपालन को लेकर कई कदम उठाए जा रहे हैं. हम चोरी छिपे होने वाली भ्रूण जांच को रोकने के लिए डिकॉई ऑपरेशन तक चलाएंगे. इसके अलावा जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्टशन मॉनिटिरिंग यूनिट का गठन किया गया है. ये यूनिट जागरूकता को लेकर विशेष काम करेगी. खासकर बाल अपराध, बाल विवाह आदि रोकने को लेकर अभियान चलाया जाएगा. अल्ट्रासाउंड सेंटर में नियमों के अनुपालन को लेकर भी दिशा निर्देश दिए गए हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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