JPSC Result 2021: ईमानदारी से मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती. इसे चरितार्थ किया है गुमला शहर के मुरली बगीचा निवासी आशीष कुमार साहू. नाना के घर में रहकर पढ़ाई करने वाले आशीष ने जेपीएससी की परीक्षा पास की. पांचवीं रैंक लाकर प्रशासनिक अधिकारी बने हैं. आशीष के नाना अजीत कुमार गुप्ता फुचका बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण किये. यहां तक कि अपने नाती आशीष को भी पढ़ाया. जिसका परिणाम आज सामने है.
आशीष की सफलता पर फूले नहीं समा रहे नाना अजीत गुप्ता
अजीत कुमार गुमला शहर में फुचका का ठेला लगाते हैं. गुमला में उनका फुचका सबसे ज्यादा फेमस था. ठेला में फुचका खाने वालों की कतार लगती थी. अजीत कुमार ने एक-एक पैसा जमा कर नाती को पढ़ाया. नाना अजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि यह मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी है. ईश्वर ने मेरी परवरिश की लाज रखी. नाती ने जेपीएससी की परीक्षा पास कर ना केवल अपने परिवार, बल्कि गुमला जिले का नाम भी रोशन किया है.
आशीष को बधाई देनेवालों का लगा तातां
मुरली बगीचा निवासी आशीष की सफलता की जानकारी जैसे ही लोगों को हुई. बधाई देने वालों का तांता लग गया. सबसे पहले नाना अजीत कुमार गुप्ता, नानी गायत्री देवी, मामा बबलू कुमार साहू व मामी सुनैना कुमारी ने आशीष का मुंह मीठा कराया. मामा बबलू ने बताया कि आठवीं तक की पढ़ाई राजकीय कृत मध्य विद्यालय चंदवा से किया. इसके बाद 10वीं की पढ़ाई डीएवी स्कूल गुमला व स्नातक डोरंडा कॉलेज रांची से किया. आशीष के पिता का नाम मंटू साहू, मां संगीता देवी व बहन मेघा रानी है.
पढ़ाई को कभी बोझ और आलस ना समझे : आशीष
आशीष ने बताया कि उसके घर एवं ननिहाल वालों ने उसके पढ़ाई में काफी मदद किया. जिसका नतीजा है कि उसने जेपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण किया. अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता और ननिहाल को दिया. जिन्होंने खुद संघर्ष करते हुए भी मुझे पढ़ाई में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होने दी. मेरे मामा ऋतुराज गुलशन और बबलू कुमार साहू का पूरा सहयोग प्राप्त हुआ है. मेरे नाना अजीत कुमार गुप्ता (मुरली बगीचा) उम्र भर फुचका बेचकर सबका भरण पोषण किया और मेरे लिए एक सपना देखा कि मैं किसी दिन प्रशासनिक अधिकारी बनूं. आज मेरे ननिहाल में खुशी है. छोटे से गांव हुटाप से होते हुए भी इतना बड़ा सपना देख पाया और हर कदम पर शिक्षकों का साथ भी मिला. मेरा मानना है कि सफलता के लिए मेहनत ही एकमात्र रास्ता है. पढ़ाई कभी बोझ नहीं लगनी चाहिए. अपितु पढ़ाई का भी आनंद लेना चाहिए.
रिपोर्ट : जगरनाथ पासवान, गुमला.