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झारखंड:वार्डन को हटाने से नाराज कस्तूरबा की छात्राओं का धरना, अधिकारियों को कैंपस में घुसने से रोका, ऐसे मानीं

छात्राओं ने बताया कि स्कूल की 309 छात्राएं सोमवार की रात 10 से ही धरना पर थीं. उन्होंने स्कूल गेट बंद कर गेट के पास धरना दिया. इसके बाद मंगलवार की सुबह चार बजे से दिन के 12 बजे तक धरना पर बैठी रहीं. इस दौरान छात्राओं ने नाश्ता नहीं किया. अधिकारियों को दिन के आठ बजे छात्राओं के धरना की जानकारी मिली.

गुमला, दुर्जय पासवान. शिक्षा विभाग ने गुमला के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की वार्डन शांति देवी को हटा दिया है. इससे आक्रोशित कस्तूरबा की छात्राओं ने नौ घंटे तक स्कूल गेट के समीप धरना दिया. जब प्रशासन छात्राओं को समझाने पहुंचा, तो छात्राओं ने अधिकारियों को स्कूल कैंपस में घुसने से रोक दिया. घंटों समझाने के बाद छात्राएं मानीं. इसके बाद डीइओ सुशील कुमार, डीएसई वसीम अहमद, बीडीओ सरोजनी केरकेट्टा, सीओ केके मुंडू व एडीपीओ पीयूष कुमार स्कूल कैंपस में घुसे और छात्राओं की मांगें सुनीं. काफी हो-हंगामा के बाद छात्राएं धरना खत्म कीं.

डीसी से मिलने की मांग पर अड़ी थीं छात्राएं

छात्राओं ने बताया कि स्कूल की 309 छात्राएं सोमवार की रात 10 से ही धरना पर थीं. उन्होंने स्कूल गेट बंद कर गेट के पास धरना दिया. इसके बाद मंगलवार की सुबह चार बजे से दिन के 12 बजे तक धरना पर बैठी रही. इस दौरान छात्राओं ने नाश्ता नहीं किया. अधिकारियों को दिन के आठ बजे छात्राओं के धरना की जानकारी मिली. इसके बाद एक-एक कर अधिकारी पहुंचे. छात्राओं ने गेट के अंदर चार ताला जड़ दिया. इसके बाद स्कूल कैंपस के समीप गेट के पास दरी बिछाकर बैठ गयीं. गेट के पास बोर्ड व तख्ती टांग दिया. जिसमें लिखा हुआ था कि डीसी से मिलना है. साथ ही वार्डन से अन्याय नहीं करें का स्लोगन लिखा हुआ था. छात्राओं ने छोटे-छोटे कागज में सैंकड़ों पर्ची लिखी थी. इसमें डीसी से मिलने का स्लोगन लिखा हुआ था.

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डीसी ने तुरंत अधिकारियों को भेजा

छात्राओं की मांग को प्रभात खबर ने गुमला उपायुक्त तक पहुंचाया. इसके बाद डीसी के निर्देश पर डीइओ, डीएसइ, बीडीओ, सीओ सहित अन्य अधिकारी कस्तूरबा स्कूल पहुंचे. छात्राओं ने अधिकारियों को घंटों तक गेट के बाहर खड़ा करा दिया. स्कूल के अंदर आने पर रोक लगा दिया. छात्राएं डीसी से मिलने के लिए अड़ी हुई थीं. काफी समझाने के बाद गेट का ताला खोला गया. तब अधिकारी अंदर घुसे और समझाया.

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इस कारण हटाया गया था वार्डन को

कस्तूरबा स्कूल गुमला की एक छात्रा ने अस्पताल में एक शिशु को जन्म दिया था. छात्रा स्कूल में पढ़ती थी, परंतु उसके गर्भवती होने की जानकारी स्कूल में वार्डन के अलावा किसी को नहीं थी. जब छात्रा के पेट में दर्द हुआ और उसने एक बच्ची को जन्म दिया. तब पूरे मामले का खुलासा हुआ. छात्रा के गर्भवती होने व शिशु के जन्म देने के मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया. प्रशासन ने पूरे मामले की जांच की. इसके बाद वार्डन को नौकरी से हटा दिया, जबकि स्कूल की 309 छात्राओं का कहना है कि इसमें वार्डन की कोई गलती नहीं है. उसे नौकरी से हटाना गलत है. दोबारा नौकरी पर रखा जाये. इधर, वार्डन शांति कुमारी को नौकरी से हटाने के बाद वह रातभर कस्तूरबा स्कूल में रोती रही. वार्डन के रोने से भावुक होकर छात्राओं ने धरना दिया, जबकि डीइओ सुशील कुमार ने कहा कि वार्डन को हटाने से पहले ही उन्होंने प्रशासन से मांग की थी कि वह नौकरी छोड़ना चाहती है. इसके बाद ही उसे हटाया गया. प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के बाद वार्डन को नौकरी से हटाया है. छात्राओं ने वार्डन को हटाने का विरोध करते हुए धरना दिया था, परंतु समझाने के बाद छात्राएं समझ गयी हैं.

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