17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता:गोल्ड मेडल जीतकर लौटी अनाथ दिव्यांग बिटिया असुंता, दोस्तों से उधार लेकर गयी थी नेपाल

कोच मुकेश कंचन के साथ हर सप्ताह असुंता रांची के मोरहाबादी स्टेडियम में अभ्यास करने जाती थी. इसके अलावा असुंता घर पर भी अपना अभ्यास करती थी. अपने इसी जुनून और मेहनत के सहारे पहले असुंता का चयन पैरा सिटिंग वॉलीबॉल टीम में हुआ था.

झारखंड के गुमला जिला अंतर्गत चैनपुर प्रखंड के छतरपुर गांव निवासी दिव्यांग असुंता टोप्पो ने दोस्तों से उधार पैसा लेकर भारत-नेपाल पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा से जीत कर लौटी. असुंता के पिता ज़ेवियर टोप्पो और माता कटरीना टोप्पो की मृत्यु बचपन में होने के कारण घर की आर्थिक स्थिति खराब रहने के बावजूद उसने अपनी बीए तक की पढ़ाई पूरी की. थोड़ी बहुत पुस्तैनी जमीन से आमदनी और दिव्यांगता पेंशन से अपना गुजारा करने वाली असुंता ने पढ़ाई जैसे-तैसे कर बीए तक की पढ़ाई की. पैसे की कमी के कारण वह बीएड नहीं कर पायी. उसका खेल के प्रति बहुत जुनून था और इस जुनून को उड़ान उसके कोच मुकेश कंचन से मिली.

अधिकारियों ने नहीं सुनी दिव्यांग की गुहार

कोच मुकेश कंचन के साथ प्रत्येक सप्ताह रांची के मोरहाबादी स्टेडियम में अभ्यास करने जाती थी. इसके अलावा असुंता घर पर भी अपना अभ्यास करती थी. अपने इसी जुनून और मेहनत के सहारे पहले असुंता का चयन पैरा सिटिंग वॉलीबॉल टीम में हुआ. 2018 से 2019 तक राष्ट्रीय स्तर पैरा खेल में शामिल हुई तथा 2019 में प्रतिमा तिर्की की कप्तानी में झारखंड को कांस्य पदक हासिल करवाया और उसे पैरा थ्रो-बॉल खेलने का मौका मिला. दिसंबर 2022 में अनीता तिर्की की कप्तानी में पैरा थ्रो-बॉल टीम को सिल्वर पदक हासिल करवाया. असुंता के इसी प्रदर्शन की बदौलत 19 से 21 फरवरी 2023 को हुए भारत-नेपाल पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता में उसका चयन भारत की टीम में हुआ, परंतु नेपाल जाने-आने और मैच फीस का खर्च 25 से 30 हजार होने के कारण असुंता को मदद के लिए सरकारी दरवाजा खटखटाना पड़ा, लेकिन सभी अधिकारियों से गुहार लगाने पर भी कही से कोई उम्मीद नजर नहीं आयी तो असुंता ने अपने दोस्तों से पैसा उधार लेकर भारत के लिए खेलने नेपाल गयी.

Also Read: रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव 2023: कड़ी सुरक्षा में 27 फरवरी की सुबह 7 बजे से वोटिंग, बूथ पर पहुंचे मतदानकर्मी

इनसे मिली मदद

अपने बेहतर प्रदर्शन से नीलिमा रॉय की कप्तानी में असुंता ने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में अपना योगदान दिया और इस प्रतियोगिता में भारत को स्वर्ण पदक दिलवाया. असुंता ने कहा कि विधायक भूषण तिर्की ने आर्थिक रूप से मेरी मदद की और जिला खेल अधिकारी कुमारी हेमलता बून ने खेल किट दिलाया. इन दोनों ने मेरी मदद की. दोस्तों ने मेरा हौसला बढ़ाया और पैसे की मदद की. इसलिए वह यह मकाम हासिल कर पायी है.

Also Read: झारखंड में बड़ा हादसा, गैस सिलेंडर विस्फोट में एक ही परिवार के छह सदस्य घायल, एक बच्चे की मौत, 4 की हालत नाजुक

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें