जारी. भोजन की तलाश में जंगली हाथी जंगल छोड़ गांव में घुस गये हैं. गुमला जिले के जारी, चैनपुर, डुमरी के कई गांवों में जंगली हाथी प्रवेश कर उत्पात मचाना शुरू कर दिया है. हाथियों ने कई किसानों के धान की फसलों को बर्बाद कर दिया है. घरों को भी ध्वस्त कर दिया है. जारी प्रखंड के श्रीनगर चटकपुर, रेंगारी, सिंघपुर सहित चैनपुर व डुमरी के कई किसानों को जंगली हाथियों द्वारा फसल बर्बाद करने की मुआवजा अब तक नहीं मिला है. जबकि दूसरी तीसरी बार एक ही किसान के फसलों को जंगली हाथी द्वारा बर्बाद किया गया है. किसानों को कहना है कि गरीब किसानों को हर समय नुकसान झेलना पड़ता है. कभी मानसून की मार से तो कभी जंगली हाथी के उत्पात मचाने से ग्रामीणों को नुकसान हो रहा है. जहां जंगली हाथी पिछले कई सालों से अपना अड्डा जमाये हुए हैं. जैसे चैनपुर के बम्हनी, छतरपुर, किरतो, नातापोल, डुमरी प्रखंड के बरटोली, हथलदा, सिरमी, कुसुमटोली, जारी प्रखंड के श्रीनगर, कोड़ी, रेंगारी, सिंहपुर इन्हीं इलाकों में जंगली हाथी सालों भर चक्कर लगाते रहते हैं. जंगली हाथी के तांडव से ग्रामीण काफी त्रस्त हैं. साथ ही ग्रामीणों ने वन विभाग के कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में किसी प्रकार की कोई लाइट या हाथी भगाने के लिए बम व पटाखा नहीं दिया जाता है. यदि गांव में जंगली हाथी घुसते हैं. तो मजबूरन ग्रामीणों को रतजगा करना पड़ता है. ग्रामीण अपने से मशाल बनाकर जंगली हाथी को खदेड़ते हुए जंगली हाथियों का सामना करते हैं.
जंगली हाथी ने तीन घरों को किया क्षतिग्रस्त
जारी. थाना क्षेत्र के श्रीनगर गांव में शुक्रवार की देर रात जंगली हाथी ने गांव में घुसकर उत्पात मचाया. उत्पात मचाते हुए गांव के सिकंदर नायक, लेंजेनुस टोप्पो व ब्याजुस कुजूर के घर को जंगली हाथी ने ध्वस्त कर दिया. पीड़ित ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार की रात एक बजे जंगली हाथी गांव में प्रवेश कर चिंघाड़ना शुरू किया. इसके बाद एक-एक कर के घरों को तोड़ना शुरू कर दिया. किसी तरह घर से निकल कर जान बचाते हुए भागना पड़ा. जिसके बाद ग्रामीण एकजुट हुए. घंटों तक हाथी को भगाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी. शनिवार को पांच बजे सुबह जंगली हाथी श्रीनगर जंगल की ओर चला गया. गांव के संजय प्रसाद, राजकुमार टोप्पो, फिरोज टोप्पो, मुन्ना साहू, जेकब टोप्पो, शैलेश कुजूर ने बताया कि आये दिन जंगली हाथी गांव में घुसकर किसी के घर तो किसी के फसल बर्बाद कर रहा है. इसकी चिंता ना तो प्रशासन को है. ना ही वन विभाग को है. वहीं वन विभाग द्वारा गांव में हाथी भगाने को लेकर किसी प्रकार की कोई सामग्री भी नहीं दिया गया है. जंगली हाथी शाम होते ही गांव में घुसकर किसी न किसी गरीब व्यक्ति को नुकसान पहुंचाता है. श्रीनगर जंगल हाथियों का अड्डा बना हुआ है. श्रीनगर गांव के ग्रामीण जंगली हाथी को खदेड़ कर चैनपुर प्रखंड भेजते हैं. तो चैनपुर के ग्रामीण वापस श्रीनगर जंगल ही भेज देते हैं. हर एक-दो दिन बीच में जंगली हाथी श्रीनगर गांव में घुस जाता है. पीड़ित परिवार वन विभाग से मुआवजे की मांग की है. साथ ही जंगली हाथी को इस इलाके से खदेड़कर कहीं दूर भेजने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है