गुमला : ‘पीएम जन-मन महाअभियान’ के तहत सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिशुनपुर प्रखंड के टुटवापानी गांव की विलुप्त प्राय: आदिम जनजाति की महिला शशिकिरण बृजिया से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सीधी बात की. प्रधानमंत्री ने उनसे आदिम जनजातियों की स्थिति और पठारी क्षेत्रों में केंद्र सरकार की योजनाओं की पहुंच के बारे में जानकारी ली. शशिकिरण बृजिया ने पीएम को बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में अब सरकार की योजनाएं पहुंचने लगी हैं. लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है.
सरकार पूरी ताकत लगा रही है कि हमारे अति पिछड़ी जनजाति के भाई-बहनों तक सरकार की हर योजना पहुंचे. कोई भी अति पिछड़ा भाई-बहन अब सरकार की योजना के लाभ से वंचित नहीं रहेगा. यह मैं आपको विश्वास दिलाता हूं. मोदी की गारंटी का मतलब गारंटी पूरे होने की गारंटी है. इस वर्ष सभी जनजाति वर्ग के लोग अपने-अपने पक्के घरों में दीपावली मनायेंगे.
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मोदी ने कहा कि जनजातीय समुदाय की भावी पीढ़ियों को अब किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े, इसके लिए उनकी सरकार लगातार प्रयास कर रही है. अनुसूचित जनजातियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं का बजट पांच गुना बढ़ गया है और आदिवासी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति पिछले 10 वर्षों में ढाई गुना बढ़ गयी है. 500 से अधिक एकलव्य मॉडल स्कूल बनाये जा रहे हैं, जबकि ऐसे स्कूल पहले केवल 90 मौजूद थे.
मोदी ने पीएम-जनमन योजना आरंभ करने का श्रेय भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मार्गदर्शन को देते हुए कहा कि वह खुद जनजातीय पृष्ठभूमि से आती हैं, इसलिए उनसे जब भी बातचीत होती हैं, वह जनजातीय समाज के मुद्दों के बारे में बात करती हैं. पिछले वर्ष 15 नवंबर को पीएम-जनमन की शुरुआत सबसे कमजोर जनजातीय समूहों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए की गयी थी.