कौशलेंद्र शर्मा, चैनपुर (गुमला) :
चैनपुर प्रखंड स्थित झरगांव आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो का पैतृक गांव है. आज भी यह गांव विकास से कोसों दूर है. गांव तक जाने के लिए सड़क तो है, लेकिन पूरी सड़क कीचड़मय है. पक्की सड़क नहीं बनी. गांव में भी ज्यादा विकास नहीं हुआ है. यह गांव प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार रहा है. ऐसे तेलेस्फोर टोप्पो जब भी गांव आते थे, तो यहां की स्थिति से अवगत होते थे. स्व तेलेस्फोर टोप्पो के भतीजे सह पूर्व मुखिया एफ्रेम टोप्पो ने कहा कि उनके चाचा (तेलेस्फोर पी टोप्पो) ने गांव में एक चर्च की स्थापना करायी. उन्होंने समाज के लिए हर वह काम किया, जिससे कलीसिया व समाज को मजबूती मिली है. उन्होंने बताया कि तेलेस्फोर पी टोप्पो के माता-पिता का पहले ही निधन हो गया है. माता-पिता के निधन के बाद अंतिम बार श्रद्धांजलि समारोह गांव में आये थे. लेकिन गांव की हालत से लगातार अवगत होते रहते थे.
केंद्रीय काथलिक सभा गुमला धर्मप्रांत के अध्यक्ष सेत कुमार एक्का ने कहा है कि तेलेस्फोर पी टोप्पो एक कर्मठ बिशप व छोटानागपुर के मसीहा थे. जिनकी छोटानागपुर कलीसिया से लेकर पूरे भारतीय कलीसिया पर मजबूत पकड़ थी. जिन्हें छोटानागपुर का बच्चा-बच्चा जानता है और वह सभी मातृ पल्लियों का दौरा करते रहते थे. हमेशा विश्वासियों का मनोबल ऊंचा किया है. वह जब उपदेश देते थे, तो ऐसा लगता था कि मानो पर्वत से ईश्वर बोल रहे हों. वह अकेले आधुनिक छोटानागपुर मिशन के युग थे और उस युग का रथ थम गया. बड़े ही शोकाकुल मन से हम प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर उनकी आत्मा को अपने परलोक में दूतों संतों की संगति प्रदान करे.
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पूर्व कार्डिनल स्व तेलेस्फोर पी टोप्पो का निधन झारखंड राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे भारत देश के लिए क्षति है. वे गुमला के रहनेवाले थे. इस कारण छोटानागपुर क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ थी. उनके बूते कलीसिया मजबूत हुई थी. उनका निधन हमारे लिए बहुत बड़ा नुकसान है.
भूषण तिर्की, विधायक, गुमला