प्रशासन ने पहुंच कर ओझा को लगायी फटकार व घायल को अस्पताल में कराया भर्ती
7 गुम 9 में. ओझा व ग्रामीणों को समझाते थानेदार.
प्रतिनिधि, भरनो
सरकार व प्रशासन वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रही है. इसके बावजूद कई गांवों में लोग आज भी अंधविश्वास के चक्कर में पड़े हैं. बीमार होने पर अस्पताल के बजाय ओझा से इलाज कराने में विश्वास करते हैं. ऐसा ही एक मामला भरनो प्रखंड की अमलिया पंचायत अंतर्गत खरका गांव में देखने को मिला. मामला यह है कि गांव का सुलेंदर उरांव (30) बीते एक माह पहले नशे की हालत में चट्टान पर गिर गया था, जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट लगी थी. घटना के बाद परिजनों ने उसे रिम्स में भर्ती कराया, जहां कुछ दिन बाद छुट्टी लेकर गांव आ गया. सिर पर गहरी चोट लगने के कारण सुलेंदर ठीक नहीं हुआ. वह बिस्तर पर ही पड़ा रहता है. जब वह ठीक नहीं हुआ, तो उसके चाचा ने इलाज करने दूसरे गांव से किसी ओझा को लेकर उसके घर आये. ओझा ने पास के कुआं से मिट्टी लाने को कहा. मिट्टी से झाड़-फूंक कर सुलेंदर का इलाज करने लगा. ओझा ने कहा कि इस कुआं का भूत सुलेंदर में है, जो इसे ठीक होने नहीं दे रहा है. जब इसकी जानकारी मुखिया व ग्रामीणों को हुई, तो सभी उसके घर पहुंचे और ओझा को फटकार लगाकर भगा दिया. सूचना पाकर थानेदार अरविंद कुमार, एसआइ मंटू चौधरी दलबल के साथ गांव पहुंचे और परिजनों समेत ग्रामीणों के साथ बैठक कर अंधविश्वास के खिलाफ जागरूक किया. थानेदार व ग्रामीणों ने आर्थिक सहयोग देकर बीमार व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल भेजा. थानेदार ने कहा कि दुनिया में डायन, बिसाही व भूत पिशाच जैसी कोई चीज नहीं होती है. अगर कोई बीमार हो या सांप काट लें, तो ओझागुणी के चक्कर में नहीं पड़े बल्कि जल्द से जल्द मरीज को अस्पताल लेकर जाये. डॉक्टर से मरीज का इलाज कराये नहीं, तो मरीज की जान भी जा सकती है. उन्होंने ग्रामीणों को अंधविश्वास और नशापान से दूर रहने की बात कही और किसी प्रकार के अंधविश्वास की सूचना मिलने पर पुलिस से संपर्क करने की बात कही. मौके पर जनता उरांव सहित ग्रामीण उपस्थित थे.