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Jharkhand News: गुमला में बाघ का आतंक, कामडारा में चार गायों पर किया हमला, डीएफओ ने की ये अपील

बाघ ने जहां गायों को मारा है, वहां से जंगल ज्यादा दूर नहीं है. जंगल घना है. संभावना है कि बाघ घने जंगल में घुस गया हो. डीएफओ ने बताया कि इससे पहले बाघ ने बकरियों को भी मार डाला था, ऐसी सूचना मिली थी.

गुमला, जगरनाथ पासवान : गुमला जिले में बाघ का आतंक है. कामडारा में बाघ ने चार गायों पर हमला कर दिया. एक गाय को खा गया. बाघ के हमले में घायल दो गायों की मौत हो गई है. जिले के घाघरा और बसिया के बाद कामडारा प्रखंड में भी बाघ का हमला हुआ है. घटना मंगलवार रात की बताई जा रही है. घटना की सूचना मिलने के बाद वन, पर्यावरण एवं जलवायु प्रमंडल गुमला के डीएफओ व सीएफ ने विभागीय कर्मियों के साथ कामडारा में घटनास्थल एवं आसपास के इलाकों का जायजा लिया. इस दौरान वन विभाग की टीम को घटनास्थल पर बाघ के बाल तथा पंजों व स्कैट के निशान मिले हैं. डीएफओ अहमद बेलाल अनवर ने बताया कि जैसे ही उन्हें कामडारा में बाघ के हमले में गायों को मारे जाने की सूचना मिली, त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम ने क्षेत्र का जायजा लिया. इस दौरान कहीं बाघ तो नहीं दिखा, लेकिन बाघ के बाल तथा पंजे व स्कैट के निशान मिले हैं. उसका सैंपल एकत्र कर जांच के लिए देहरादून भेजा गया है, ताकि पता चल सके कि बाघ ने किस तरफ से इस क्षेत्र में प्रवेश किया.

प्रभावित किसान को 10 हजार रुपए मदद देगा वन विभाग

डीएफओ ने बताया कि प्रभावित किसान को तत्काल में 10 हजार रुपए सहायता राशि मुहैया कराया गया है. आगे की कागजी प्रक्रिया के बाद किसान को कुल दो लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. डीएफओ ने बताया कि क्षेत्र में लोगों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाया गया है. बाघ ने जहां गायों को मारा है, वहां से जंगल ज्यादा दूर नहीं है. जंगल घना है. संभावना है कि बाघ घने जंगल में घुस गया हो. डीएफओ ने बताया कि इससे पहले बाघ ने बकरियों को भी मार डाला था, ऐसी सूचना मिली थी.

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तीन साल का है बाघ : एक्सपर्ट

डीएफओ ने बताया कि एक्सपर्ट के अनुसार, बाघ लगभग तीन साल का है. यह बाघ अपने युवा काल में प्रवेश कर रहा है. हालांकि, अभी स्पष्ट रूप से यह नहीं कह सकते कि बाघ ने किस ओर से इस क्षेत्र में प्रवेश किया. संभावना जताई जा रही है कि बाघ पलामू से निकला है और सारंडा की ओर जा रहा है. डीएफओ ने यह भी बताया कि बाघ सारंडा की ओर जाने के लिए जिस रूट का उपयोग कर रहा है, वह कॉरिडोर के रूप में चिह्नित है. जंगली जानवर विशेषकर हाथी क्षेत्र से जब गुजरते हैं, तो वे अपने आवागमन के लिए उसी रूट का इस्तेमाल करते हैं.

वन विभाग के कैमरे में दिखा लकड़बग्घा और जंगली सुअर

बसिया और कामडारा इलाके में बाघ के होने की सूचना और पालतू पशुओं को मारे जाने के तरीके के बाद वन विभाग ने पुष्टि की है कि क्षेत्र में बाघ विचरण कर रहा है. इसके मद्देनजर वन विभाग ने क्षेत्र में चार कैमरे लगाए हैं. डीएफओ ने बताया कि कैमरे में अब तक कोई बाघ नहीं दिखा है. हां, लकड़बग्घा और जंगली सुअर जरूर दिखा है.

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अपील : विचरण कर रहा है बाघ, जंगल की ओर जाने से बचे

डीएफओ ने लोगों से अपील की है कि वे जंगल की ओर न जाएं. उन्होंने बताया कि बाघ ने फिलहाल पशु को ही निशाना बनाया है. चूंकि बाघ क्षेत्र में विचरण कर रहा है, तो लोग जंगल जाने से बचें, ताकि जनहानि न हो. यदि किसी को कहीं बाघ दिखता है, तो छिपते और बचते हुए वहां से दूर जाने की कोशिश करें. वन विभाग को इसकी सूचना दें, ताकि बाघ से होने वाली क्षति को रोका जो सके.

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