वनाधिकार पट्टा की मांग को लेकर मूलवासियों ने किया धरना-प्रदर्शन
हजारीबाग.
जिले के विभिन्न प्रखंडों से आये वन क्षेत्र में रहनेवाले लोग समाहरणालय परिसर में धरना-प्रदर्शन किया. सभी मूलवासी पारंपरिक हथियारों के साथ आये थे. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि प्रखंड के चौपारण, चुरचू, बड़कागांव, डाडी, विष्णुगढ़, कटकमसांडी के विभिन्न गांवों द्वारा सामुदायिक वनाधिकार दावा अनुमंडल कार्यालय में लंबित है. वन पट्टा नहीं दिया जा रहा है. कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे श्याम महतो ने कहा कि वनाधिकार कानून 2006 को संशोधित कर 2012 लागू किया गया है. झारखंड में नियम संगत लागू नहीं किया गया है. दूसरे राज्य में वनाधिकार कानून से लोगों को लाभ मिल रहा है. प्रदर्शनकारियों ने डीसी को एक ज्ञापन एसडीओ के माध्यम से सौंपा. इसमें वनाधिकार कानून हजारीबाग में लागू करने, वनाधिकार के तहत सभी लंबित व्यक्तिगत व सामुदायिक वनाधिकार गांवों को निबटाने, वनाधिकार कानून का उल्लंघन करनेवाले सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों पर धारा-7 के तहत कानूनी कार्रवाई करने, वन आश्रितों व वनाधिकार कार्यकर्ताओं पर झूठा मुकदमा रद्द करने की मांग शामिल है. धरना प्रदर्शन में मनोहर मुंडा, द्वारिका टुडू, तिलेश्वर साहू, दुलायचंद मुंडा, महेश तिग्गा सहित काफी संख्या में मूलवासी शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है