पदमा. चंपाडीह में दबंगों ने हमला बोल कर एक दलित परिवार शंभु रविदास द्वारा विवादित भूमि पर बनाये गये कमरे और चारदीवारी को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया. घटना चार जनवरी की सुबह लगभग 9.30 बजे की है. हमलावर 50-60 की संख्या में लाठी डंडे लेकर पहुंचे और जेसीबी से चारदीवारी और मेन गेट को तोड़ते हुए अंदर घुस आये. शंभु रविदास पूरे परिवार के साथ भाग निकले. उन्होंने घटना की इसकी सूचना फोन पर एसपी, डीएसपी और पदमा ओपी प्रभारी को दी. पदमा ओपी पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, तब तक हमला करने वाले सभी लोग फरार हो चुके थे. मामला जमीन विवाद बताया जा रहा है. इस संबंध में चंपाडीह निवासी शंभु रविदास ने पदमा ओपी में 17 नामजद लोगों के विरुद्ध आवेदन दिया है. सूचना पर बरही एसडीपीओ अजीत कुमार विमल, सीओ मोतीलाल हेंब्रम पुलिस बल के साथ पहुंचे. पीड़ित परिवार से पूछताछ की. जान मारने की नियत से आये थे हमलावर: शंभु शंभु रविदास ने बताया कि चंपाडीह में डेढ़ एकड़ भूमि उपायुक्त द्वारा जमाबंदी कर हमलोगों के परिवार को दिया गया है. उस जमीन पर तीन चार माह पहले चारदीवारी कर घर बनाया था. इसको लेकर स्थानीय दबंगों द्वारा कई बार धमकी दी गयी. इससे पहले भी जान मारने की कोशिश हुई, जो मामला बरही थाना में चल रहा है. अगर आज हम लोग नहीं भागते, तो शायद हम लोगों की हत्या हो जाती. इधर, दूसरे पक्ष के संजय मेहता, राजेश मेहता, अयोध्या प्रसाद मेहता ने कहा कि डीसी द्वारा रद्द की गयी जमीन जमाबंदी पर पदमा सीओ एक पक्ष को अवैध कब्जा दिला रहे हैं. डीसी के आदेश में यह नही लिखा गया है कि यह विवादित जमीन दूसरे पक्ष को दे दिया गया है. ग्रामीणों को जब पता चला कि सरकारी जमीन पर शंभु रविदास अवैध कब्जा कर रहा है, तो गांव वाले इसको रोकने के लिए चले गये. उन्होंने कहा कि अवैध कब्जा नही रोका गया, तो ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. जमीन विवाद को लेकर घटना घटी है: सीओ सीओ मोतीलाल हेंब्रम ने कहा कि चंपाडीह में जमीन विवाद पहले से चला आ रहा है. एक ही जमीन की जमाबंदी दो लोगों के नाम जीवनलाल चमार और भोला महतो और बद्री महतो के नाम से था. जिसे जांचोपरांत उपायुक्त द्वारा एक गुट बदरी महतो और भोला महतो का जमाबंदी लगभग चार माह पहले रद्द कर दिया. इसके बाद एक गुट जो दलित परिवार से हैं, उन लोगों ने चारदीवारी कर एक कमरा बनाया. जबकि दूसरे गुट के लोग उपायुक्त के फैसले के विरुद्ध सिविल कोर्ट में याचिका दायर किया है. जमीन विवादित है, इसकी जांच उच्च अधिकारियों द्वारा करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. बरही एसडीपीओ अजीत कुमार विमल ने बताया कि घटना विवादित भूमि को लेकर हुआ है. दोषियों पर एसटी एससी एक्ट सहित अन्य के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.
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