प्रतिनिधि, इचाक
प्रखंड के मंगुरा पंचायत अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय फुरुका व उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय मंगुरा एक-एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. प्रावि फुरुका में कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई होती है. बच्चों की संख्या 39 है. वहीं उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय मंगुरा में कक्षा एक से आठ तक पढ़ाई होती है. लेकिन पढ़ाई नहीं होने के कारण बच्चों की संख्या घटकर 51 रह गयी है. शिक्षक की कमी से दोनों विद्यालय में शिक्षण कार्य ठप है. जो शिक्षक हैं, उन्हें शिक्षण कार्य के साथ-साथ रिपोर्टिंग कार्य भी करना पड़ता है.
जिस कारण बच्चों का सिलेबस भी पूरा नहीं हो पाता है. इन विद्यालयों में शिक्षा विभाग द्वारा संचालित एफएलएन कार्यक्रम के तहत गतिविधि आधारित शिक्षण कार्य, डेली रूटीन व साप्ताहिक कैलेंडर के मुताबिक पढ़ाई नहीं हो पा रही है. ठीक ढंग से पढ़ाई नहीं होने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल से हटाकर निजी स्कूलों में नामांकन करा रहे हैं.
प्रावि फुरुका में कार्यरत पारा शिक्षक के निधन व उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय मंगुरा में सरकारी शिक्षिका के सेवानिवृत्त होने से दोनों जगह एक-एक शिक्षक रह गये हैं. वहीं इसी पंचायत के प्राथमिक विद्यालय मोकतमा में चार शिक्षक हैं. जबकि बच्चों की संख्या मात्र 42 है. इसकी जानकारी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को भी है. बावजूद उक्त दोनों विद्यालय के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
मंगुरा पंचायत की मुखिया मीना देवी ने कहा कि प्रावि फुरुका व उर्दू मध्य विद्यालय मंगुरा में अतिरिक्त शिक्षक के प्रतिनियोजन के लिए डीएसइ को आवेदन दिया था. लेकिन छह माह बीत गये. कोई पहल नहीं हुई.
वहीं प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी बंशीधर राम ने कहा कि शिक्षक का प्रतिनियोजन हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है. डीएसइ ही शिक्षक का प्रतिनियोजन कर सकते हैं.