JamshedpurNews : झारखंड आंदोलनकारियों ने बुधवार को एनएच-33 पिपला के पास गुरमा में चार घंटे सड़क को जाम रखा. आंदोलनकारियों ने एनएच में टायर जलाकर विरोध-प्रदर्शन भी किया. इससे दोनों छोर में 30-30 किमी तक जाम लग गया. हालांकि जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए आंदोलनकारियों से बातचीत कर बंद हटवाया. झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष शिबू कुमार मैती ने बताया कि मोर्चा पूर्वी जिले में चाकुलिया, बोड़ाम, पटमदा, कटिंग समेत अन्य जगहों पर आंदोलनकारी झारखंड बंद के समर्थन में उतरे. हर जगह आंदोलनकारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से बंदी कराने उतरे.बोड़ाम में मनबोध व कटिंग में सुभाष सिंह भूमिज व चाकुलिया में दिलीप महतो के नेतृत्व में कई आंदोलनकारियों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया.
सरकार मांगों पर अविलंब विचार करे
उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की ओर से राज्य सरकार को सात सूत्री मांग सौंपा गया है. उस पर राज्य सरकार को अविलंब विचार करना चाहिए. मुख्य मांगों में झारखंड आंदोलनकारियों के जाने की बाध्यता को समाप्त कर राजकीय मान-सम्मान देने, रोजी-रोजगार में नियोजन की गारंटी व पेंशन राशि को 50 हजार करने समेत अन्य मांगे प्रमुख हैं.
ये हैं प्रमुख मांगे
1.झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारियों को 15 अगस्त, 15 नवंबर एवं 26 जनवरी को राजकीय मान-सम्मान से सम्मानित करना सुनिश्चित किया जाये. जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करते हुए सभी आंदोलनकारियों को अलग पहचान, रोजी-रोजगार, नियोजन की शत-प्रतिशत गारंटी एवं सम्मान पेंशन राशि 50-50 हजार रुपये दिया जाये
2.किसानों को ऑनलाइन रसीद काटने की दिशा में प्राथमिकता के साथ मैन्युअल या ऑफलाइन सुलभ सुविधा दिया जाये. प्रत्येक किसान को 10-10 हजार रुपये प्रत्येक माह पेंशन दिया जाये. किसानों के खेत को सिंचाई के लिए पानी मुहैया कराया जाये.
3.समता जजमेंट के तहत 26 प्रतिशत रॉयल्टी का अधिकार प्रत्येक झारखंडी जनता को दिया जाये.
4.राज्य में सीएनटी-एसपीटी एक्ट, पांचवीं अनुसूची क्षेत्र, पेसा कानून, धारा 39(बी) का अनुपालन हो, धारा-3(ए) का पालन हो. हमारी परंपरा, व्यवस्था, माय-माटी के संवैधानिक मूल्यों का सख्ती से साथ रक्षा हो.
5.भू-अर्जन अधिनियम का सख्ती से पालन करते हुए डेढ़ से 2 करोड़ विस्थापित-पलायन हुए झारखंड जनमानस को मुआवजा, पुनर्वास, रोजी-रोजगार एवं नियोजन की गारंटी दी जाये. विशेष कर बोकारो स्टील प्लांट, एचइसी, टाटा, सीसीएल, रेलवे स्टेशन-क्वार्टरों, बीसीसीएल, इसीएल, मसानजोर, डीवीसी, चांडिल डैम, सहित अन्य योजनाओं-परियोजनाओं एवं खनिज उत्खनन क्षेत्र में हुए विस्थापित-पलायन एवं अकाल मुत्यु प्राप्त हुए लोगों के आश्रितों व परिवारों, किसानों को मुआवजा, पुनर्वास एवं रेाजी-रोजगार एवं नियोजन की गारंटी शत-प्रतिशत किया जाये. सरकार इसको लेकर जल्द से जल्द विस्थापन आयोग का गठन करे.
6.18 जनवरी 2013 सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवमानना करते हुए स्वर्गीय कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा स्थापित किये गये हैं. तुरंत हटाया जाये और संवैधानिक मर्यादा को स्थापित किया जाये.
7.स्थानीय लोगों को आजीविका के संवैधानिक अधिकारों के अनुरूप रोजी-रोजगार एवं नियोजन का पूर्ण अधिकार दिया जाये. बाहरी वेंडरों को रोका जाये. इसमें झारखंड आंदोलनकारियों को प्राथमिकता दिया जाये.
8.साजाक सुरक्षा पेंशन यथा विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन समय पर लोगों को 3-3 हजार रुपये दिया जाये. रसोईया संयोजिका व सहायिकाओं को न्यूनतम मजदूरी के तुल्य मानदेय का भुगतान मिले.
9.पूर्वी सिंहभूम जिले को सिलिकोसिस बीमारी व प्रदूषण से मुक्त किया जाये.