जमशेदपुर: सरायकेला-खरसावां जिले के तितिरबिला गांव में रैयती परिवार के साथ हुई मारपीट समेत अन्य पांच मुख्य मांगों को लेकर 31 जुलाई को आदिवासी छात्र एकता समेत एक दर्जन से अधिक सामाजिक व राजनैतिक संगठनों से कोल्हान बंद का आह्वान किया है. आदिवासी छात्र एकता के मुख्य संरक्षक-जोसाई मार्डी ने बताया कि कोल्हान में आदिवासियों को उनके जमीन से जबरन बेदखल करने की साजिश अब नहीं चलेगी. इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा. सीएनटी एक्ट, एसपीटी एक्ट, पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र समेत अन्य संवैधानिक प्रावधानों के रहते आदिवासियों को उनके जमीन से जबरन बेदखल कर विस्थापन व पलायन के बाध्य किया जा रहा है.रैयतदारों की जमीन को नियम व प्रावधान के तहत अधिग्रहण किया जाना चाहिए. लेकिन सरकारी पदाधिकारी नियम व प्रावधानों को ताक में रखकर काम कर रहे हैं. इससे स्पष्ट होता है इसके पीछे एक बड़ी साजिश काम कर रही है.
बंद की पूर्व संध्या पर 30 को निकाली जायेगी मशाल जुलूस
जोसाईमार्डी ने घोषणा की कि कोल्हान बंद की पूर्व संध्या पर 30 जुलाई को विभिन्न स्थानों पर मशाल जुलूस निकाला जाएगा. इनमें जमशेदपुर, घाटशिला, जादूगोड़ा, हाता, राजनगर, सरायकेला, चांडिल, चाईबासा, चक्रधरपुर समेत कई जगहें शामिल हैं. यह बंद जबरन जमीन अधिग्रहण और अन्य महत्वपूर्ण मांगों को लेकर आयोजित किया जा रहा है. श्री मार्डी ने बताया कि इस आंदोलन का उद्देश्य स्थानीय लोगों की समस्याओं को उजागर करना और प्रशासन का ध्यान उनकी ओर आकर्षित करना है. मशाल जुलूस के माध्यम से आंदोलनकारी अपनी एकता और संकल्प को प्रदर्शित करेंगे, जिससे यह संदेश जाएगा कि वे अपनी मांगों के प्रति गंभीर हैं और उन्हें पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
एक दर्जन से भी ज्यादा संगठन समर्थन में आगे आये
कोल्हान बंद को सफल बनाने के लिए तितिरबिल ग्रामसभा, मानकी मुंडा संघ, आदिवासी छात्र एकता, झारखंड आंदोलनकारी मंच, आदिवासी हो समाज महासभा सरायकेला-खरसावां, आदिवासी युवा महासभा, आदिवासी रघुनाथ सिंह भूमिज चुआड़ सेना झारखंड प्रदेश, राष्ट्रीय माहली परिषद झारखंड प्रदेश, कोल्हान दिशुम सोसाइटी जमशेदपुर, बिरसा सेना जमशेदपुर, अपना अधिकार संगठन कुचाई, सिदो-कान्हू हूल गांवताबाटाबेड़ा राजनगर, बाबा तिलका माझी शहीद स्मारक समिति चिलगू चांडिल, उलीडीह ग्रामसभा जमशेदपुर, ईचा-खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान समेत अन्य सामाजिक संगठन योगदान दे रहे हैं. सभी सामाजिक संगठन 31 जुलाई को सड़क पर उतरकर विरोध भी दर्ज करेंगे.