16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jamshedpur news : दूसरा वार्ता भी विफल, 23 से तालसा टेलिंग पॉड का काम अनिश्चितकालीन बंद होगा

Jamshedpur news : सुंदरनगर यूसिल तुरामडीह सभा कक्ष में शनिवार को तालसा गांव के विस्थापित-प्रभावित परिवार व यूसिब प्रबंधन के अधिकारियों के बीच द्वितीय वार्ता हुई. वार्ता में विस्थापित व प्रभावित परिवार ने अपनी विभिन्न मांगों को यूसिल प्रबंधन के अधिकारियों के सामने रखा. प्रबंधन की ओर से उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया.

Jamshedpur news : सुंदरनगर यूसिल तुरामडीह सभा कक्ष में शनिवार को तालसा गांव के विस्थापित-प्रभावित परिवार व यूसिल प्रबंधन के अधिकारियों के बीच द्वितीय वार्ता हुई. वार्ता में विस्थापित व प्रभावित परिवार ने अपनी विभिन्न मांगों को यूसिल प्रबंधन के अधिकारियों के सामने रखा. प्रबंधन की ओर से उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया. वे विस्थापित व प्रभावित परिवार को उनका मांग जल्द पूरा करने का आश्वासन दे रहे थे. लेकिन विस्थापित व प्रभावित परिवार अपनी मांगों पर अड़ेथे. उनका कहना था कि वे आश्वासन से अब नहीं मानने वाले हैं, उनकी मांगों को पूरा किया जायेगा तो आगे का कुछ विचार करेंगे. विस्थापित व प्रभावित परिवार लंबे समय से नौकरी, मुआवजा व पुनर्वास का आस लगाये बैठे हैं. यूसिल प्रबंधन अविलंब उनकी मांगों पर उचित विचार करे, अन्यथा 23 सितंबर से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत तालसाटेलिंग पॉड के काम को अनिश्चितकालीन बंद कर दिया जायेगा. द्विपक्षीय वार्ता में यूसिल प्रबंधन की ओर से महाप्रबंधक-सी मन्ना, उप महाप्रबंधक-आरके मिश्रा, उप महाप्रबंधक-एम महाली, प्रबंधक- डी हांसदा, प्रबंधक-संजीव रंजन, प्रबंधक-जीके गुप्ता एवं तालसा ग्रामसभा की ओर से अध्यक्ष- दुर्गाचरण मुर्मू, भागवत मार्डी, जितेन हेंब्रम, वकील हेंब्रम, दरोगा हेंब्रम, सुधीर बेसरा समेत अन्य मौजूद थे.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच चुका है मामला
विस्थापित परिवारों का मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास पहुंचा है. तालसा गांव के माझी बाबा दुर्गाचरण मुर्मू के नेतृत्व में शुक्रवार को एक प्रतिनिधिमंडल रांची सोहराय भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया था. विस्थापित परिवारों ने उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा था. प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को बताया था कि यूसिल प्रबंधन द्वारा विस्थापित परिवारों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. यूसिल प्रबंधन द्वारा कई वर्षों से लंबित मामलों का समाधान नहीं निकाला जा रहा है. विस्थापितों को मुआवजा, नौकरी व पुनर्वास आदि के नाम पर केवल आश्वासन दिया जा रहा है. उनकी समस्या का समाधान के नाम पर बार-बार वार्ता बुलाया जा रहा है. केवल विस्थापित व प्रभावित परिवार को मनाने की कोशिश की जा रही है.

यूसिल प्रबंधन की कथनी व करनी पर विश्वास नहीं

दुर्गाचरण मुर्मू ने बताया कि यूसिल प्रबंधन विस्थापित व प्रभावित परिवारों की मांग पर कोई सकारात्मक पहल नहीं कर रहा है. विगत 16 सितंबर को यूसिल प्रबंधन के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी हुआ था. लेकिन यूसिल प्रबंधन केवल आश्वासन ही दे रहा है.विस्थापित व प्रभावित परिवार चाहते हैं कि उन्हें आश्वासन नहीं समाधान चाहिए. यूसिल प्रबंधन मांगों पर विचार करने की बात जरूर करता है. लेकिन मांगों पर अब तक कोई विचार नहीं किया गया है. ऐसे में विस्थापित व प्रभावित परिवार को अब यूसिल प्रबंधन की कथनी पर कोई विश्वास नहीं रह गया है. इसलिए तालसा ग्रामसभा ने फैसला लिया है कि अब प्रबंधन के साथ आर या पार की लड़ाई की जायेगी. विस्थापित व प्रभावित परिवार ने यूसिल प्रबधन के सामने अपनी जायज मांगों को रखा है. जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाता है. तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि 23 सितंबर से तालसाटेलिंग पॉड को अनिश्चितकालीन समय के लिए बंद किया जायेगा.

यूसिल ने पुनर्वास की सुविधा विस्थापितों को नहीं दिया

ग्राम सभा के सदस्यों ने कहा कि तालसा गांव की जमीन को 1984-1985 तथा 2010-11 में यूसिल प्रबंधन द्वारा अधिग्रहण किया गया था. लेकिन अब तक घर के बदले घर नहीं दिया गया है. जमीन के बदले पूर्ण रूप से नौकरी भी नहीं दिया गया है एवं प्रभावितों को उचित सुविधा भी मुहैया नहीं कराया गया है. इस संबंध में पिछले चार-पांच वर्षों में कई दौर की बैठक प्रबंधन के साथ हो चुकी है. लेकिन यूसिल प्रबंधन हर बार आश्वासन देकर मामले को ठंडे बस्ते मेें डाल देता है. इसलिए विस्थापित व प्रभावित परिवार ने मजबूर होकर 23 सितंबर से तालसाटेलिंग पॉड का काम को अनिश्चितकालीन समय के लिए बंद करने का फैसला लिया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें