पूर्वी सिंहभूम के 468 प्राइवेट, सरकारी सहायता प्राप्त, गैर सरकारी और अल्पसंख्यक स्कूलों को यू डायस कोड दिया गया, लेकिन इसमें 462 स्कूलों के पास राइट टू एजुकेशन (RTE) की मान्यता नहीं है. जबकि राज्य में एक अप्रैल 2010 को अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून लागू किया गया था.
प्राइवेट स्कूलों को मान्यता लेने के लिए तीन साल का समय दिया गया. यह समय सीमा 31 मार्च, 2013 को ही समाप्त हो चुकी है. 12 साल के बाद भी अब तक जिले के सिर्फ छह प्राइवेट स्कूलों को ही आरटीइ की मान्यता मिल सकी है. मान्यता को लेकर जिला प्रशासन की ओर से आज तक एक बार भी जिले में बैठक नहीं की गयी है. जिससे यह मामला लटका हुआ है.
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2020 में प्राथमिक शिक्षा निदेशक के स्तर से यह आदेश जारी किया गया कि अब जिला स्तर पर ही स्कूलों को आरटीइ की मान्यता दी जा सकेगी. इसके बाद 2020 में इच्छुक स्कूलों से आवेदन मंगवाया गया. उसके बाद 2021 में फिर से ऑनलाइन आवेदन मांगा गया. हालांकि उक्त आवेदन के आधार पर 164 स्कूलों का बीइइओ ने भौतिक सत्यापन कर लिया है, सभी स्कूलों की रिपोर्ट विभाग के पास पड़ी हुई है, लेकिन अब तक नतीजा शून्य है. आरटीइ की मान्यता के लिए प्राइवेट स्कूलों से अब तक पांच बार फाइल जमा करवायी गयी है. सबसे पहले 2016 में फाइल जमा करवायी गयी.
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प्राइवेट स्कूलों के पास नहीं है रजिस्टर्ड जमीन, अधिकांश के पास है टाटा सबलीज की जमीन
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स्कूलों के पास फायर एनओसी बिल्डंग सेफ्टी सर्टिफिकेट नहीं
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स्कूलों के पास एसडीओ की ओर से डमीन को लेकर नहीं है अनापत्ति प्रमाण पत्र
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कई स्कूलों में शिक्षक नहीं है टेट पास
इन स्कूलों को है आरटीइ की मान्यता. आरएमएस खूंटाडीह, नेताजी सुभाष पब्लिक स्कूल पोखारी, नेताजी सुभाष पब्लिक स्कूल राखामाइंस, सेंट जोसेफ स्कूल मुसाबनी, सेंट जेवियर स्कूल आसनबनी, लोयोला स्कूल, टेल्को. इस मामले में पहले चरण में आवेदन करने वाले 168 प्राइवेट स्कूलों का भौतिक सत्यापन कर लिया गया है. कई तकनीकी पहलू हैं, जिसकी समीक्षा की जा रही है. जल्द ही उपायुक्त के पास मान्यता से संबंधित फाइल भेजी जायेगी.