Jamshedpur News: एमजीएम मेडिकल कॉलेज में दशकों पहले पढ़कर गये देश- दुनिया के नामी डॉक्टर अपने कॉलेज के पुराने दिनों को याद करेंगे. मौका है एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डायमंड जुबिली समारोह का, जो 24 नवंबर से शुरू हो रहा है. तीन दिवसीय कार्यक्रम आगामी 26 नवंबर तक चलेगा. समारोह में एमजीएम मेडिकल कॉलेज से पढ़े करीब 700 चिकित्सक भाग लेंगे. इनमें 40 एनआरआइ हैं, जो विदेशों में मरीजों का इलाज कर रहे हैं. उक्त जानकारी गुरुवार को एमजीएम एल्युमिनाई एसोसिएशन की ओर से बिष्टुपुर के एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में आयोजन समिति के डॉ संतोष गुप्ता, डाॅ केके सिंह, डाॅ सुनील कुमार, डाॅ एके लाल, डाॅ केपी दुबे, डाॅ जीसी माझी, डाॅ मृत्युंजय सिंह, डाॅ अजीत सहाय, डाॅ जाय भादुड़ी व डाॅ गौरी भादुड़ी ने दी. उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम में सारे पूर्ववर्ती छात्र कॉलेज कैंपस घूमेंगे व छात्र जीवन की अपनी पुराने यादें को ताजा करेंगे. यहां के छात्रों का डिमना से पुराना लगाव होने से सभी डिमना लेक भी घूमने के लिए जायेंगे. समारोह में लगभग सभी बैच के डॉक्टर भाग ले रहे हैं. कार्यक्रम में मुख्य संरक्षक डॉ केके सिंह, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ केएन सिंह, डॉ. रवींद्र कुमार, डॉ अशोक कुमार, सचिव डॉ संतोष गुप्ता, संयुक्त सचिव डॉ एनके गाड़िया, कोषाध्यक्ष डॉ जीके सिंह, सह कोषाध्यक्ष डॉ एमके गोयल, डॉ केके सहगल, डॉ पीके सिंह, डॉ एनके सिन्हा, डॉ क्रांति सिंह, डॉ रतन कुमार, डॉ राजीव मिश्रा, डॉ बलराम झा, डॉ साहिर पाल, डॉ एके लाल आदि मौजूद थे.
तीन दिनों तक चलेगा कार्यक्रम
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24 नवंबर : शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक बिष्टुपुर स्थित बेल्डीह गोल्फ कोर्स में सांस्कृतिक कार्यक्रम.
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25 नवंबर : सुबह 9 बजे डिमना लेक का भ्रमण, सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक एमजीएम मेडिकल कालेज में कार्यक्रम, शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक बेल्डीह गोल्फ कोर्स में सांस्कृतिक कार्यक्रम.
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26 नवंबर : सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक बिष्टुपुर होटल रमाडा में कार्यक्रम
1961 में हुई थी एमजीएम मेडिकल कॉलेज की स्थापना
एमजीएम मेडिकल कॉलेज एक सरकारी कॉलेज है, जिसकी स्थापना वर्ष 1961 में हुई थी. कॉलेज कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा से संबद्ध है और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा मान्यता प्राप्त है. सालाना 50 एमबीबीएस सीटें और स्नातकोत्तर अध्ययन के 8 विषयों में 13 सीटें हैं. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल 45 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है, जो दलमा रेंज की तलहटी में है.
अमेरिका में डॉ इरानी की एमजीएम से पढ़े डॉक्टर से हुई थी मुलाकात
डॉ भरत ने बताया कि एक बार टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) डॉ जमशेद जी ईरानी अमेरिका इलाज कराने गये थे. उन्होंने वहां एक डॉक्टर से मुलाकात की. पूछने पर बताया कि उन्होंने एमजीएम से पढ़ाई की है. यहां के छात्र न सिर्फ भारत, बल्कि विश्वभर में अपनी पहचान बनाये हैं. अमेरिका से आये डाॅ दिलीप सिंह अरोड़ा ने कहा कि मुझे गर्व होता है कि मैं एमजीएम का छात्र रहा हूं. यूएसए में हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ दिलीप सिंह अरोड़ा कहते हैं कि समारोह को लेकर काफी उत्सुक हूं. इस तरह के आयोजन से नालेज शेयरिंग का अवसर मिलता है, जो प्रैक्टिस में बहुत सहायक होता है. डाॅ जेएस कंडोला ने कहा कि 60-70 के दशक में शहर की चौड़ी व साफ-सुथरी सड़कों पर भीड़ बहुत कम दिखती थी.
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