जमशेदपुर, संजीव भारद्वाज : पूर्वी सिंहभूम के समाहरणालय सभागार के समक्ष मंगलवार को जिला परिषद की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जिला परिषद सदस्य सहित विभिन्न पंचायतों से आए मुखिया और वार्ड सदस्यों ने धरना दिया. इसे महाधरना का नाम दिया गया. पंचायत प्रतिनिधियों का आरोप है कि उपायुक्त सह प्रभारी उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी विजया जाधव अपने अधिकारों का उल्लंघन कर रही हैं. उन्होंने नियमों की अनदेखी करते हुए बिना जिला परिषद की अनुमति के जन सेवकों का मनमाने तरीके से तबादला कर दिया. इस बारे में जिला परिषद अध्यक्ष की ओर से सभी प्रखंडों को तबादला रद्द किए जाने का आदेश भेजा गया. इसके बावजूद जनसेवकों को विरमित कर दिया गया.
दरअसल यह पूरा विवाद निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अधिकारों के उल्लंघन को लेकर शुरू हुआ है. जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू ने दावा किया कि उपायुक्त ने मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी का प्रभार लेने के बाद से अब तक एक बार भी जिला परिषद की बैठक नहीं बुलाई. इस कारण जिला परिषद की तरफ से शुरू की गई योजनाओं के लिए आवंटन प्राप्त नहीं हो सका. जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया वह अब तक अधूरी हैं. ठेकेदारों के बिल का भुगतान नहीं हो रहा है. जिला परिषद की तरफ से 16 दिसंबर को पत्र लिखकर उपायुक्त से मुलाकात का समय मांगा गया था.
आरोप है कि उपायुक्त ने मिलने का समय नहीं दिया. 16 जनवरी को एक बार फिर जिला परिषद अध्यक्ष के नेतृत्व में निर्वाचित प्रतिनिधि उपायुक्त से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे. उपायुक्त अपने कार्यालय में मौजूद नहीं थीं. इसके बाद जिला परिषद में उपायुक्त के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनकी कार्यप्रणाली के खिलाफ मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा जा रहा है. मुख्यमंत्री की 30 और 31 जनवरी को प्रस्तावित जमशेदपुर यात्रा के दौरान भी इस मुद्दे को लेकर जनप्रतिनिधि मांग पत्र सौंपेंगे. परिषद ने दावा किया है कि इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए राज्य के सभी जिलों से जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पूर्वी सिंहभूम आ रहे हैं.
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