वन विभाग से कार्य विभाग की टकराव के हालात
Jamshedpur news.
कोल्हान की करीब एक दर्जन योजनाएं ऐसी हैं, जिसमें कहीं न कहीं वन विभाग का अड़ंगा है. इन सारे अड़ंगाें को दूर करने के लिए वन विभाग पर दबाव तो है, लेकिन योजनाओं को पूर्ण करने के लिए वन विभाग ने अब तक क्लियरेंस नहीं दिया है. इस कारण कई योजनाएं लंबित हैं. हालात यह है कि कार्य विभागों और वन विभाग के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. चाहे जमशेदपुर की धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का मसला हो या फिर चाईबासा टोंटो रोम रोड को बनाने का मसला या फिर चांडिल राजखरसावां लिलो ट्रांसमिशन लाइन को ले जाने का मसला, हर जगह कहीं न कहीं वन विभाग की आपत्ति है और वन विभाग की ओर से अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. लिहाजा सारे काम पेंडिंग हैं. इसे लेकर वन विभाग स्पष्ट तौर पर कदम नहीं उठा रहा है. विभागीय पदाधिकारी भी चाहते हैं कि बिना वन विभाग के नियमों का पालन कराते हुए ही इसका क्लियरेंस नहीं मिल जाये. इस वजह से वन क्षेत्रों में विकास के काम रुके हुए हैं.हाथियों के विचरण स्थल, वनों के संरक्षण के लिए जरूरी कदम उठाने के बाद ही मिल सकता है कोई भी क्लियरेंस : पीसीसीएफ
झारखंड के पीसीसीएफ सत्यजीत सिंह ने कहा कि हाथियों के विचरण स्थल कोल्हान में सबसे अधिकर है. वनों के संरक्षण के लिए ही वन विभाग काम करती है. ऐसे में हमें यह सुनिश्चित करना होता है कि वनों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा को तो किसी परियोजना से खतरा नहीं है. वैकल्पिक जमीन मिलने पर भी इससे वनों की सुरक्षा हो पाती है या नहीं, यह भी देखने वाली बात होती है. इसे देखते हुए परियोजनाओं को मंजूरी दी जाती है. हमारा उद्देश्य काम को लटकाना नहीं है, बल्कि वन की सुरक्षा के साथ विकास हो सके, यह करना जरूरी है.
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