जमशेदपुर : सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश रॉय और अभय एस ओका की खंडपीठ ने बुधवार को कदमा उलियान निवासी महिला के साथ अप्राकृतिक यौनाचार और बलात्कार करने के आरोपी सीजीपीसी के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे को जमानत दे दी. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया घटना में शामिल महिला का पूर्व में भी इस प्रकार के तीन चार लोगों पर केस करने का इतिहास है. महिला समाज के प्रतिष्ठित लोगों को फंसाकर उनसे रुपये वसूलती है. इसके बाद कोर्ट ने जमानत दे दी. बचाव पक्ष से अधिवक्ता पल्लवी प्रताप, अधिवक्ता केएम सिंह, अधिवक्ता वंश सबलोक, जबकि पीड़िता की ओर से अधिवक्ता जयश गौरव, अधिवक्ता नंदनी राय, अधिवक्ता दीक्षा ओझा मौजूद थे.
कदमा उलियान की महिला ने सीजीपीसी के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे के खिलाफ कदमा थाना में 5 नवंबर 2022 को अप्राकृतिक यौनाचार व बलात्कार करने का आरोप लगाकर मामला दर्ज कराया था. उसने शिकायत में बताया था कि पति के नहीं रहने से गुजारा भत्ता दिलाने की फरियाद लेकर सीजीपीसी कार्यालय साकची गयी थी. केस समझने व समस्या का निदान करने के नाम पर गुरमुख सिंह मुखे कई बार उसके घर आये. 2 नवंबर 2022 को गुरमुख सिंह मुखे के घर आने पर उनके कृत्य का उसने मोबाइल से वीडियो बना लिया था. पीड़िता ने बतौर साक्ष्य वीडियो फुटेज पुलिस को सौंपा था. प्राथमिकी दर्ज होने के लगभग पांच माह बाद एक अप्रैल 2023 को गुरमुख सिंह मुखे को बारीडीह स्थित मर्सी अस्पताल से गिरफ्तार किया गया था. उसने पुलिस को बीमार (मधुमेह, उच्च रक्तचाप व अन्य रोगों से ग्रसित) बताया था.
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