12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जमशेदपुर के हलुदबनी गांव में ग्रामीणों के स्वास्थ्य की हो रही अनदेखी, ना हो रही कोरोना जांच, ना लग रहा वैक्सीन

Coronavirus in Jharkhand (जमशेदपुर) : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत जमशेदपुर जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर हलुदबनी गांव में लोगों में कोरोना को लेकर किसी तरह की कोई जागरूकता नहीं है. टोला बारेगाोड़ा में जिला प्रशासन, प्रखंड कार्यालय या फिर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी आज तक पहुंचे ही नहीं हैं. गांव में आज तक ना तो कोरोना संक्रमण की जांच के लिए अभियान चलाया गया और ना ही वैक्सीनेशन के लिए. गांव में कुछ लोग बीमार हैं व कुछ लोगों की मौत हो गयी है. प्रभात खबर ने हलुदबनी गांव और टोला बारेगोड़ा की जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की.

Coronavirus in Jharkhand (संजीव भारद्वाज, जमशेदपुर) : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत जमशेदपुर जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर हलुदबनी गांव में लोगों में कोरोना को लेकर किसी तरह की कोई जागरूकता नहीं है. टोला बारेगाोड़ा में जिला प्रशासन, प्रखंड कार्यालय या फिर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी आज तक पहुंचे ही नहीं हैं. गांव में आज तक ना तो कोरोना संक्रमण की जांच के लिए अभियान चलाया गया और ना ही वैक्सीनेशन के लिए. गांव में कुछ लोग बीमार हैं व कुछ लोगों की मौत हो गयी है. प्रभात खबर ने हलुदबनी गांव और टोला बारेगोड़ा की जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की.

हलुदबनी गांव के टोला बारेगोड़ा जाने पर गांव के कुछ युवा और दो महिलाएं मास्क लगाये हुए दिखी. गांव के युवक पेड़ की छांव में ताश खेल रहे थे. उनसे जब बात की गयी, तो कहने लगे कि बाहर सब कुछ बंद है, घर में कितना बैठें, इसलिए दूरी बनाकर ताश खेल रहे हैं. गांव के रोहन ने बताया कि वैक्सीन को लेकर कई सारी गलतफहमियां भी हैं. ज्यादातर लोग अंधविश्वासी हैं. ज्यादातर ग्रामीणों के पास स्मार्टफोन नहीं है. नेटवर्क का मसला है, गांव में जागरूकता अभियान नहीं चलाया जा रहा है, इसलिए लोगों में इसके प्रति उत्सुकता नहीं दिख रही है.

Undefined
जमशेदपुर के हलुदबनी गांव में ग्रामीणों के स्वास्थ्य की हो रही अनदेखी, ना हो रही कोरोना जांच, ना लग रहा वैक्सीन 2
मुझे यह नहीं मालूम कि वैक्सीन कब और कैसे मिलेगी : वीणा

मुझे वैक्सीन की सख्त जरूरत है? रोज कड़ी धूप में मेहनत करती हूं. भारी सामान उठाती हूं. मुझे यह नहीं मालूम कि वैक्सीन कब और कैसे मिलेगी. ये कहना है बीना हेंब्रम का. वीणा परसुडीह के हलुदबनी दक्षिण पंचायत के टोला बारेगोड़ा की रहनेवाली है. इस गांव में 150 से अधिक परिवार रहते हैं. अधिकांश लोग रोज कमाने-खानेवाले हैं जबकि कुछ एक कंपनी में ठेका मजदूरी करते हैं.

Also Read: टाटा मोटर्स में 5 दिन का ब्लॉक क्लोजर, 6 दिन बाद खुलेगी कंपनी, 2 लाख मजदूर होंगे प्रभावित

जब उनसे यह पूछा गया कि उन्होंने वैक्सीन लगवाने के बारे में क्या सोचा है, तो उन्होंने जवाब दिया कि वे जानती हैं कि इसका इलाज संभव है, लेकिन यहां कोई आता ही नहीं. मुखिया दूसरे गांव में हैं जो यहां किसी प्रकार की सहायता-जागरूकता नहीं पहुंचा रहे हैं. जो लोग घर से निकलते हैं, कड़ी मेहनत करते हैं, उन्हें संक्रमण का डर तो है. टोला बारेगोड़ा के इस गांव में वीणा हेंब्रम अकेली नहीं हैं, जिनकी वैक्सीन को लेकर ऐसी सोच है.

कोरोना आया था, तो लोगों के इसके लिए जागरूक किया गया था : प्रधान

गांव के प्रधान छोटा राम ने बताया कि 2020 में जब कोरोना आया था, तो लोगों के इसके लिए जागरूक किया गया था. कुछ गाड़ियां आयी थी, प्रचार हुआ. पोस्टर बांटे गये. कुछ संगठनों ने खाना भी बांटा, लेकिन इस बार जब कोरोना की दूसरी लहर चल रही है, कोई इस गांव में लोगों को जागरूक करने के लिए सरकारी या स्वास्थ्य कर्मचारी नहीं पहुंचा है. गांव के लोगों को किसी ने मास्क भी नहीं दिया और ना ही बताया कि उन्हें इस दौरान क्या करना है. सच तो यह है कि लोग यह भी नहीं जानते हैं कि वैक्सीन की जरूरत है या नहीं.

वैक्सीन लेना अभी तय नहीं किया : रोहन

प्रभात खबर ने टोला बारेगोड़ा का दौरा किया और यह जानने की कोशिश की कि इन इलाकों में वैक्सीनेशन किस तरह से चल रहा है. टोला बारेगोड़ा में रहनेवाले रोहन नामक युवक ने कहा कि अभी तक उन्होंने तय नहीं किया है कि उन्हें वैक्सीन लेनी चाहिए या नहीं. वे कहते हैं कि उन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं ली है और इसके बारे में अभी तक सोचा भी नहीं है. अभी इस तरफ कोई वैक्सीन का अभियान भी नहीं चल रहा है. हमारे पास खाने के लिए कुछ नहीं है. सब कुछ बंद है. घर पर छोटे बच्चे हैं, जिन्हें रोजमर्रा की वस्तुएं चाहिए.

Also Read: रांची की कोविड संक्रमित युवती समृद्धि की इलाज में मदद को आगे आयें उद्योगपति आनंद महिंद्रा, भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने की थी मदद की अपील चार की असमय मृत्यु हो गयी है : बुधराम

गांव में रहने वाले बुधराम हेंब्रम ने बताया कि 15 दिन पहले इस टोला के दो-तीन लोग बीमार हुए थे. इलाज के लिए खुद सदर गये. वहां मालूम चला कि उन्हें कोरोना हुआ है. भर्ती कर लिया गया, अब वे स्वस्थ होकर घर लौट आये हैं. गांव में अभी तक चार लोगों की असमय मृत्यु हो गयी है, उन्हें पहले बुखार हुआ. उनकी बिना जांच कराये हुए गांव के लोगों ने दफना दिया. उनकी पंचायत का मुखिया दूसरे गांव में रहता है, वह भी इधर कभी नहीं आया.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें