जमशेदपुर : झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश आर मुखोपाध्याय और न्यायाधीश दीपक रौशन की पीठ ने साकची आमबागान निवासी राकेश झा की जनहित याचिका (2078 /2018) की बुधवार को सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अक्षेस द्वारा नक्शा विचलन कर भवन बनाने वालों और पार्किंग की जगह को व्यवसायिक दुकानों में तब्दील करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं करने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की व फटकार लगायी.याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और रोहित सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि 2011 में अक्षेस ने शहर के 46 अवैध भवनों को चिह्नित कर सील किया था. सीलिंग का मतलब ही होता है कि अवैध निर्माणों को गिराना.
इधर उच्च न्यायालय ने डब्ल्यूपी (पीआइएल 1076/ 2011) में अपना अंतिम आदेश पारित कर राज्य को नक्शा विचलन करने वाले पर कार्रवाई करने को कहा था, बावजूद कई बिल्डरों ने अवैध निर्माण धड़ल्ले से किया. इससे अब जमशेदपुर शहर में करीब 1246 भवनों का अवैध निर्माण हो गये. कई भवनों में पार्किंग की जगह व्यवसायिक दुकानें खुल गयी. वहीं गाड़ियाें की सड़कों पर पार्किंग हो गयी. इस पर कोर्ट ने नियुक्त जांच कमेटी की अंतरिम जांच रिपोर्ट को देखकर फटकार लगायी और जांच कमेटी को जमशेदपुर में लगातार प्रवास कर अपनी अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने को कहा. कोर्ट ने केस की अगली सुनवाई के लिए आगामी नौ अप्रैल 2024 की तिथि निर्धारित की है.