-100 फीट लंबी छतरी को किया खड़ा
घाटशिला.
घाटशिला प्रखंड की ऊपर पावड़ा में रविवार को इंद्र पूजा आयोजित हुई. जिसमें 100 फीट लंबी छतरी को श्रद्धालुओं ने खींच कर खड़ा किया. इससे पूर्व पूजा कमेटी के सदस्यों ने गाजे-बाजे के साथ रंकिणी मंदिर जाकर पूजा की. जिप सदस्य देवयानी मुर्मू ने बताया कि इंद्र की पूजा सांस्कृतिक विरासत है. यह पूर्वजों की देन है. सभी संस्थापक सदस्य अब इस दुनिया में नहीं हैं. परंपरा और संस्कृति को बचाये रखने के लिए धनबल की नहीं, जनबल की जरूरत है. सांस्कृतिक विरासत को बचाने की जिम्मेदारी युवाओं के कंधे पर है. राजा जगदीश चंद्र धवल देव के जमाने से चली आ रही परंपरा को इंद्र पूजा कमेटी के ग्रामीणों ने आज भी कायम रखा है. भारी बारिश के बावजूद परंपरा का निर्वाहन किया गया.प्रजा की खुशहाली के लिए राजा ने की थी पूजा
जिप सदस्य ने कहा राजा जगदीश चंद्र धवल देव ने प्रजा की खुशहाली के लिए इंद्र की पूजा की थी. राजा ने पूजा बंद कर दी. इसके बाद शिव प्रसाद शर्मा, कुनाराम मुर्मू, सीताराम मुर्मू, गौरांग बेसरा के नेतृत्व में इंद्र पूजा की शुरुआत हुई. मौके पर ब्रजेश सोरेन, राम मुर्मू, बास्ता बेसरा, बिनय मुर्मू, दासमत बेसरा, संग्राम मुर्मू, गालू बेसरा, ठाकुर मुर्मू, श्रीधर मार्डी, राम साय बेसरा, रंजीत मुर्मू, पीरू मुर्मू, गोपाल सोरेन, मायसा मुर्मू, साहेब मुर्मू, राजू सोरेन, अमित सोरेन, राम किशोर मुर्मू, गोरा सोरेन आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है