जमशेदपुर में हुई हिंसा के कारण रविवार देर रात से बंद इंटरनेट सेवा करीब 18 घंटे बाद बहाल की गई. इन 18 घंटों में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जानकारी के अनुसार शहर में बाजार को 180 से 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
हिंसा और ना भड़के इसके लिए रविवार देर रात जिला प्रशासन ने पूरे शहर की इंटरनेट सेवा को सुरक्षा की दृष्टि से बंद करा दिया था. रविवार शाम से सोमवार पूरे दिन शहर में तनावपूर्ण माहौल बना रहा. सोमवार शाम 6.30 बजे के बाद इंटरनेट सेवा बहाल की गयी थी और 10 मिनट के बाद एक बार फिर से बंद कर दिया गया. हालांकि, शाम के करीब 7 बजे से इंटरनेट सेवा को सामान्य कर दिया गया.
जमशेदपुर में इंटरनेट सेवा बंद होने से आम जनजीवन मानो थम सा गया था. इस बीच मेल, मैसेज, वाट्सएप, कुछ नहीं हो सका. कई लोगों के काम प्रभावित हुए. वहीं इसका सबसे ज्यादा प्रभाव ऑनलाइन पेमेंट पर देखने को मिला. विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारी और आंकड़ों के अनुसार शहर में करीब 180 से 200 करोड़ रुपये का बाजार प्रभावित हुआ. छोटे दुकान से लेकर मॉल, रेस्टोरेंट, होटल, पेट्रोल पंप, जहां भी मोबाइल फोन से पेमेंट सिस्टम है, वहां का बाजार प्रभावित रहा.
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मालूम हो कि जमशेदपुर के कदमा शास्त्रीनगर ब्लॉक नंबर दो में रविवार की शाम दो समुदाय आपस में भीड़ गए थे. इस बीच दोनों गुटों की ओर से पत्थरबाजी के साथ जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के बीच उपद्रवियों में किसी ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. घटना की सूचना पर पुलिस फौरन मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक उपद्रवियों ने कई दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया.
दोनों समुदायों के बीच करीब तीन घंटे तक पत्थरबाजी चली. जिसमें जमशेदपुर एसएसपी प्रभात कुमार के साथ-साथ कई पुलिसकर्मी घायल हो गये. घटना के बाद पुलिस ने 60 से अधिक युवाओं को हिरासत में लिया. मामले को लेकर बीजेपी नेता अभय सिंह को भी हिरासत में लिया गया है. वहीं 1200 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
जानकारी के मुताबिक, मामला धार्मिक विवाद से जुड़ा हुआ है. दरअसल, शनिवार की शाम असामाजिक तत्वों ने कदमा शास्त्रीनगर के इलाके में लगे धार्मिक झंडे के बांस में आपत्तिजनक चीज बांध दी थी, जिसके बाद हिंदूवादी संगठन एकजुट हो गए और इसका विरोध किया. दो घंटे तक हंगामे के बाद मामला शांत हुआ था.
मामले को लेकर ही रविवार को कदमा शास्त्रीनगर ब्लाक नंबर 2 स्थित जटाधारी हनुमान मंदिर में हिंदूवादी संगठनों की बैठक रखी गयी थी. शाम के समय सभी बैठक कर ही रहे थी कि किसी ने उन पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. जिसके बाद भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी. जबाव में बैठक कर रहे लोगों ने भी पत्थरबाजी शुरू कर दी. इस तरह से हिंसा भड़क उठी.