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Jamshedpur news.पेयजलापूर्ति कनेक्शन के लिए 13-25 हजार तक का भुगतान कर पाना गरीबों के लिए असंभव

विधायक सरयू राय ने उपायुक्त को पत्र लिखकर गरीब लोगों को कम दर पर पेयजलापूर्ति के लिए बैठक बुलाने का किया आग्रह

Jamshedpur news.

जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने उपायुक्त से आग्रह किया है कि आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों तक पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बैठक बुलाएं, ताकि लोगों के कल्याण के लिए उचित निर्णय हो सके. श्री राय ने उपायुक्त से आग्रह किया कि वह जेएनएसी के उपनगर आयुक्त, टाटा स्टील यूआइएसएल के महाप्रबंधक और चाहें तो उन्हें (सरयू राय) भी बैठक में बुला सकते हैं. उपायुक्त को लिखे पत्र में श्री राय ने कहा कि जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की बस्तियों के घरों में टाटा स्टील यूआइएसएल को निःशुल्क जल संयोजन करना चाहिए.

उन्होंने लिखा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान पता चला कि कदमा, सोनारी और बिष्टुपुर की कई बस्तियों में टाटा स्टील की ओर से जुस्को (टाटा स्टील यूआइएसएल) ने जलापूर्ति का कनेक्शन तो दिया, परंतु अधिकांश घर अभी भी जल संयोजन से वंचित हैं. इसका कारण है कि जल संयोजन के लिए काफी अधिक शुल्क मांगा जा रहा है. बस्तियों में कच्चा-पक्का मकान बनाकर रहने वाले लोग ऐसे हैं, जो दैनिक वेतनभोगी मजदूर की श्रेणी में आते हैं. इनके लिए संभव नहीं है कि वे 13 से 25 हजार रुपये तक का जल संयोजन शुल्क देकर अपने घरों में पेयजलापूर्ति का कनेक्शन लें.

श्री राय ने उपायुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि उपर्युक्त विषय में टाटा स्टील और राज्य सरकार के बीच हुए टाटा लीज नवीकरण समझौता-2005 के विभिन्न प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार जमशेदपुर के सभी घरों में इन्हें जलापूर्ति कनेक्शन सहित अन्य जनसुविधाएं मुहैया करानी है. टाटा लीज नवीकरण समझौता-2005 के प्रासंगिक कंडिकाओं के अनुरूप टाटा स्टील यूआइएसएल को अपने व्यय पर आधारभूत संरचना खड़ा करना है और उतना ही शुल्क उपभोक्ताओं से वसूलना है, जितना राज्य सरकार अपनी नगरपालिकाओं के लिए वसूलती है. इस बीच राज्य सरकार ने भी जल संयोजन शुल्क बढ़ाया है, परंतु उसमें एक प्रावधान किया गया है कि जो परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं, उन्हें निःशुल्क कनेक्शन प्रदान किया जायेगा.विधायक सरयू राय ने लिखा कि आप सहमत होंगे कि राज्य सरकार की गंभीर बीमारी योजना, आयुष्मान एवं केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की कतिपय अन्य योजनाओं में गरीबी रेखा के नीचे माने जाने वाले लोगों के लिए आय का एक अधिकतम स्तर तय किया गया है. फिलहाल जिस परिवार की वार्षिक आय 70 हजार रुपये से कम है, उसे गरीब मानकर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. यही मानक बस्तियों में जेएनएसी और टाटा स्टील यूआइएसएल के जल संयोजन के बारे में भी अपनाया जाना चाहिए.

विधायक सरयू राय ने लिखा कि जनसुविधाएं देने के लिए टाटा लीज नवीकरण समझौता-2005 में कतिपय स्पष्ट प्रावधान तो किये गये हैं, परंतु उसमें यह स्पष्ट नहीं है कि इन प्रावधानों का नियंत्री पदाधिकारी कौन होगा. जब भी उन्होंने इस बारे में राज्य सरकार से पूछा है, तो उन्हें बताया गया कि ऐसी स्थिति में संबंधित जिला के उपायुक्त ही नियंत्री पदाधिकारी की भूमिका निभायेंगे.

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