Jamshedpur News (Brajesh Singh) :
वक्फ बोर्ड को लेकर लोकसभा की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की लगभग 500 पन्नों की रिपोर्ट तैयार हो चुकी है. इसकी रिपोर्ट जेपीसी की ओर से सौंप दी जायेगी. यह रिपोर्ट इतिहास का हिस्सा होगी और इस पर शोध भी आने वाले समय में होगा. इसको लेकर कुछ और बैठकें होगी, जिसके बाद इसको लोकसभा अध्यक्ष के पास रखा जायेगा. उक्त बातें जेपीसी के चेयरमैन और सांसद जगदंबिका पाल ने कही. श्री पाल जमशेदपुर के दौरे पर निजी कार्यक्रम में भाग लेने आये थे. उन्होंने यहां प्रभात खबर से खास बातचीत करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड की प्रोपर्टी की संख्या आठ लाख के करीब है. इसमें 9 लाख एकड़ जमीन है. इस प्रोपर्टी से इतनी आय होती है, लेकिन आज तक किसी ने सुना कि कोई इंजीनियरिंग कॉलेज खुला है या कुछ हुआ है. वक्फ के लोग ही इसको बेच रहे हैं. खुद लूट रहे हैं. इसको रोकने, इसमें पारदर्शिता लाने के लिए केंद्र सरकार एक समेकित बिल लाने जा रही है, ताकि यह एक धार्मिक और कल्याणार्थ संस्था के तौर पर काम कर सके. उन्होंने बताया कि यह आरोप विपक्ष लगा रहा है कि हर दिन बैठक कर रहे हैं. लगातार दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन यह गलत है. अब तक 26 बैठक की जा चुकी है. एक बैठक 7 से 9 घंटे तक हुई है. 157 स्टेक होल्डर व डेलिगेशन से मिल चुके हैं. हैदराबाद, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, असम, ओडिशा जैसे राज्यों का दौरा कर लोगों से मिल चुके हैं. लंदन से हरीश साल्वे, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस समेत कई लोगों से राय ली जा चुकी है. इस पर भी विपक्ष कहता है कि हम हड़बड़ी में हैं. इस्लामिक संगठनों से बातचीत कर चुके हैं. लिहाजा, यह रिपोर्ट अंतिम स्थिति में है. बुधवार की दोपहर 3 बजे एक और मीटिंग होगी, जिसमें सारी जानकारी जेपीसी के सारे सदस्यों के दी जायेगी. 500 पन्नों की रिपोर्ट तैयार है. हमने मंत्रालय से 44 संशोधन को मंगाया है. इसके क्लॉज बाइ क्लॉज मंगाया है. जेपीसी के लोगों को प्रजेंटेशन के बारे में बताया जायेगा. इसके बाद कुछ तैयार होगा. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि विपक्ष के सदस्य चाहते हैं कि कमेटी का विस्तार किया जाये. 21 और डेलिगेशन, दिल्ली की सरकार समेत कई लोग अपनी बात रखना चाहते हैं. अब यह स्पीकर को फैसला लेना है कि कमेटी को विस्तार मिलेगा या नहीं, लेकिन हमने अपना काम कर लिया है. हमें उनके फैसले पर किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है.सरकार की मंशा वक्फ को बेहतर बनाने की है, जाकिर नाइक या तौकीर राजा को क्यों पेट में हो रहा दर्द
जगदंबिका पाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार की मंशा है कि वक्फ को और बेहतर बनाया जाये. इसमें सुधार के लिए बिल लाने जा रही है. इस कारण कानून में संशोधन किया जा रहा है. अब आप ही बताइये कि मलेशिया में बैठा जाकिर नायक अपना क्यूआर कोड जारी कर कहता है कि 50 लाख मुस्लिम अगर इसका विरोध करेंगे तो यह खारिज हो जायेगी. ऐसे लोगों को क्यों समाज में जगह मिलनी चाहिए. तौकीर राजा धमकी भरे अंदाज में कह रहे हैं कि सड़क पर अगर उतर गये तो रुह कांप जायेगी. ऐसी धमकी और भड़काऊ भाषण को छोड़कर अगर कोई सुझाव है या आपत्ति है तो बतायें जेपीसी उनकी बातों को सुनने को तैयार है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है