संतोषप्रद जवाब नहीं देने पर निर्माण को हटाने या शिफ्टिंग की होगी प्रक्रिया
Jamshedpur News :
दलमा के इको सेंसेटिव जोन में नियमों का उल्लंघन कर करीब 906 लोगों ने निर्माण कार्य या अन्य सारे काम किये है. लिहाजा, अब अंतिम नोटिस इन सारे 906 लोगों को दिया जा रहा है. अगर इन लोगों द्वारा कोई सही उत्तर नहीं दिया गया या कोई कदम नहीं उठाया गया तो फिर आगे की कार्रवाई की जायेगी. इसको लेकर अब अंतिम नोटिस जारी की जायेगी. 23 नवंबर को मतगणना के बाद इसकी कार्रवाई को तेजी की जायेगी. पहले वन विभाग और डीसी की ओर से बनायी गयी सेंसेटिव जोन की मॉनिटरिंग कमेटी ने पाया था कि करीब 250 मकान है. लेकिन बाद में जब जांच की गयी तो इसकी संख्या बढ़कर 624 हो गयी. बाद में और इसकी जांच की गयी तो पाया गया कि इसके दायरे में अब 906 लोग है. अब इन सारे 906 लोगों को पहले दो बार नोटिस दी गयी है. नियम के मुताबिक, तीन बार नोटिस दिया जाना है. अगर इन लोगों द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया तो फिर इन सारे निर्माण कार्य को हटाया भी जा सकता है या शिफ्टिंग जैसी कार्रवाई की जा सकती है. 906 लोगों को अंतिम नोटिस देने के बाद करीब 15 दिनों का समय दिया जायेगा.15 दिनों में देना होगा जवाब
अगर 15 दिनों में जवाब नहीं आया या कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया तो फिर इसको कमेटी के पास रखा जायेगा, जिस पर कमेटी ही फैसला लेगी. डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि दो नोटिस दी गयी है. तीसरी नोटिस जायेगी. फिर आगे का फैसला कमेटी लेगी. इसको लेकर जो गाइडलाइन है, उसके मुताबिक ही काम होगा. दलमा और जमशेदपुर के डीएफओ सबा आलम अंसारी के स्तर पर नोटिस जारी की जायेगी, जिसका जवाब मांगा जायेगा.आसनबनी और शहरबेड़ा इलाके में सबसे ज्यादा नोटिस
2012 के बाद से लेकर आज तक के सारे निर्माण कार्य की जांच की गयी है, जिनका 2012 के पहले का निर्माण है, उसको राहत मिलेगी, लेकिन 2012 के बाद जिन लोगों ने इको सेंसेटिव जोन में काम किया है, उनके ऊपर कार्रवाई की जा सकती है. इसके तहत कई मकान मालिकों को नोटिस दी गयी है. होटल समेत अन्य कारोबारियों को भी नोटिस दी गयी है, जिससे हड़कंप मच गया है. इसके अलावा, डिमना, बालीगुमा, कांदरबेड़ा, मिर्जाडीह और पारडीह इलाकों के कई मकान मालिकों को भी नोटिस भेजी गयी है. इनमें से ज्यादातर आसनबनी और शहरबेड़ा इलाके के हैं.डिमान के लोग भी प्रभावित
इसके अलावा मानगो डिमना के आसपास के लोग भी इसके प्रभाव में आ चुके हैं. पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत नोटिस जारी की जायेगी. नोटिस में दलमा इको सेंसेटिव जोन की निगरानी समिति द्वारा लिए गये निर्णय के आलोक में पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम सुनवाई होगी. वन विभाग के कार्यालय में स्वयं अथवा अपने प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करना होगा, अन्यथा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत इको सेंसेटिव जोन की निगरानी समिति की ओर से नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है