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Jamshedpur News : यूसिल प्रबंधन व तालसा विस्थापित-प्रभावित परिवार के बीच वार्ता विफल

Jamshedpur News : जादूगोड़ा यूसीआइएल कॉन्फ्रेंस हॉल में सोमवार को तालसा विस्थापित-प्रभावित व यूसिल प्रबंधन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई. विस्थापित व प्रभावित परिवार को संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जिसके बाद वार्ता विफल हो गया.

23 से अनिश्चितकालीन तालसा टेलिंग पौंड को बंद करने पर अड़े ग्रामीण

ग्रामसभा के लोगों ने कहा- हमें आश्वासन नहीं समाधान चाहिए

तालसा ग्रामसभा ने वार्ता में प्रबंधन के सामने रखी 18 सूत्री मांग

संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विस्थापित व प्रभावित परिवार हुए आक्रोशित

Jamshedpur News :

जमशेदपुर. जादूगोड़ा यूसीआइएल कॉन्फ्रेंस हॉल में सोमवार को तालसा विस्थापित-प्रभावित व यूसिल प्रबंधन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई. जिसमें तालसा ग्रामसभा ने 18 सूत्री मांगों को प्रबंधन के सामने रखा. लेकिन हर बार की तरह इस बार भी विस्थापित व प्रभावित परिवार को संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जिसके बाद वार्ता विफल हो गया. तालसा के विस्थापित व प्रभावित परिवार नौकरी एवं पुनर्वास समेत अन्य मांगों पर ठोस निर्णय चाहते थे. यूसिल प्रबंधन ने उनकी मांगों पर किसी तरह का ठोस आश्वासन नहीं दिया, जिससे विस्थापित नाराज हो गये. वार्ता विफल होने के बाद विस्थापित व प्रभावित परिवार 23 सितंबर से तालसा टेलिंग पौंड का काम अनिश्चितकालीन बंद करने पर अड़े हुए हैं. उनका कहना है कि यूसिल प्रबंधन 23 सितंबर से पूर्व तक उनकी मांगों पर उचित फैसला ले, अन्यथा टेलिंग पौंड को अनिश्चितकालीन बंद किया जायेगा. ग्रामसभा के प्रतिनिधियों ने कहा कि इससे पहले भी विस्थापित परिवार, जिला प्रशासन व यूसिल प्रबंधन के बीच कई बार वार्ता हो चुकी है. मगर हर बार प्रबंधन के पदाधिकारी द्वारा विस्थापितों को सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता रहा है. पिछले 8 वर्षों से विस्थापित परिवारों को उनकी जमीन के एवज में नौकरी नहीं दी गयी है. 14 साल से अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति भी नहीं हुई है. विस्थापित सदस्य यूसिल में नौकरी करते हुए रिटायर हो चुके हैं, लेकिन उनके आश्रितों को नौकरी नहीं दी गयी है. ऐसे में जितने पद खाली हो चुके हैं, उन्हें कैसे भरा जायेगा, इसको लेकर प्रबंधन के पास कोई पॉलिसी नहीं है. उन्होंने बताया कि यूसिल प्रबंधन के रवैये से विस्थापित व प्रभावित परिवारों में आक्रोश हैं. वहीं बांदुहुडांग ओपन कास्ट माइंस और महुलडीह माइंस को ठेकेदार द्वारा संचालित किया जा रहा है. दोनों माइंस के विस्थापितों को तुरामडीह माइंस में नौकरी दी गयी है. जिससे तुरामडीह माइंस से हुए विस्थापित परिवारों की हकमारी की गयी है. तुरामडीह, नरवा एवं अन्य परियोजना में भी सालों भर निरंतर चलने वाले कार्यों को भी ठेकेदारी पर चलाया जा रहा है, जिससे विस्थापित परिवारों की नियुक्ति पर संकट मंडराने लगा है.

वार्ता में यूसिल प्रबंधन की ओर से डीजीएम-पर्सनल व औद्योगिक संबंधित- राकेश कुमार, मैनेजर पर्सनल-डी हांसदा, संजीव रंजन, प्रबंधक कार्मिक-गिरिश गुप्ता व तालसा ग्रामसभा की ओर से माझी बाबा दुर्गाचरण मुर्मू, भागवत मार्डी, जितेन हेंब्रम, वकील हेंब्रम, रामचंद्र टुडू, संग्राम माझी, गुमदा मुर्मू, सिदलाल टुडू, दारोगा हेंब्रम, सीता मुर्मू, सारोती हेंब्रम, सरिता मुर्मू आदि उपस्थित थे.

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