चाकुलिया व मुसाबनी में नवंबर माह में करंट से सात हाथियों की मौत से वन विभाग व बिजली विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले की जांच के लिए शुक्रवार को क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (आरसीसीएफ) रवि रंजन ने चाकुलिया व मुसाबनी में पहुंचकर जांच की. उन्होंने घटनास्थल पर जाकर एक-एक बिंदू पर जानकारी ली. वहीं, जमशेदपुर वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) ममता प्रियदर्शी और चाकुलिया के रेंजर दिग्विजय सिंह से विस्तृत जानकारी ली. ज्ञात हो कि चाकुलिया में बीते एक व दो नवंबर को करंट लगने से दो हाथियों की मौत हुई थी. नगर पंचायत क्षेत्र में कमारीगोड़ा तालाब के पीछे राइस मिल के तालाब की मेड़ पर चढ़ते ही हाथियों का झुंड 11 हजार वोल्ट प्रवाहित तार की चपेट में आ गया था. करंट लगने के बाद दो दिनों में दो हथिनी की मौत हो गयी थी. क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक ने वन विभाग के पदाधिकारियों के साथ घटनास्थल तथा हाथियों के मृत्यु स्थल का जायजा लिया. बड़ामारा पंचायत के ज्वालभांगा गांव के पास खेत में एक हथिनी की मौत हुई थी. वहीं, दूसरी हथिनी की मौत जमुआ पंचायत के माचाडीहा चौक से सटे काजू जंगल में हुई थी. उन्होंने क्षेत्र का भ्रमण कर बिजली के झूलते तारों को देखा. विगत 30 अक्तूबर को हाथियों को करंट का झटका लगा था. वन पदाधिकारियों ने जांच के संबंध में कुछ भी बताने से इंकार किया.
आधा घंटा तक घटनास्थल पर निरीक्षण किया
दूसरी ओर, मुसाबनी के ऊपरबांधा जंगल में 20 नवंबर (सोमवार) की रात करंट लगने से पांच हाथियों (दो बच्चे शामिल थे) की मौत हुई थी. क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक रवि रंजन शुक्रवार सुबह मुसाबनी के ऊपरबांधा पहुंचे. घटनास्थल का निरीक्षण किया. आरसीसीएफ ने विभागीय पदाधिकारियों और कर्मचारियों से घटना की जानकारी ली. लगभग आधा घंटा आरसीसीएफ घटनास्थल पर रहे. उनके साथ डीएफओ ममता प्रियदर्शनी, मुसाबनी प्रभारी रेंजर दिग्विजय सिंह ,घाटशिला रेंजर बिमद कुमार समेत वन विभाग के पदाधिकारी और कर्मचारी घटनास्थल पर मौजूद थे.