XLRI 75th Year: एक्सएलआरआइ वह नाम है, जिसने भारत को मैनेजमेंट की शिक्षा का पाठ पढ़ाया. देश के साथ दुनिया को कई दिग्गज मैनेजमेंट लीडर दिये. भारत के सबसे पुराने व निजी क्षेत्र में नंबर वन मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट एक्सएलआरआइ की स्थापना के 74 साल पूरे हो गये. 75वें वर्ष में प्रवेश पर एक्सएलआरआइ अपना प्लेटिनम जुबिली समारोह बुधवार को संस्थान स्थित टाटा ऑडिटोरियम में मना रहा है. प्लेटिनम जुबिली समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन शामिल हो रहे हैं. इस अवसर पर संस्थान प्रबंधन की ओर से खास तौर पर तैयारियां की गयी हैं. एक्सएलआरआइ के गौरवमयी सफर पर संदीप सावर्ण की रिपोर्ट-
एक्सएलआरआइ की स्थापना में टाटा स्टील का अहम योगदान है. टाटा स्टील के तत्कालीन एमडी सर जहांगीर घांदी के बच्चे दार्जलिंग में पढ़ते थे. वहां जेसुइट फादर उन्हें पढ़ाते थे. दार्जलिंग में जेसुइट सोसाइटी की ओर से उपलब्ध करवायी जाने वाली शिक्षा से सर जहांगीर घांदी काफी प्रभावित थे. उन्होंने जमशेदपुर में भी बेहतर शिक्षण संस्थान बनाने के लिए उस वक्त के कलकत्ता व पटना प्रोविंस से बातचीत की. जिसके बाद वर्ष 1947 में लोयोला स्कूल की स्थापना हुई. लोयोला स्कूल की स्थापना के बाद मैरीलैंड से फादर क्विन एंराइट व फादर मैक्ग्रा जमशेदपुर पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद उनकी मुलाकात टाटा स्टील के एमडी सर जहांगीर घांदी से हुई. दोनों ने अमेरिकी कम्युनिटी कॉलेज में पढ़ाये जाने वाले लेबर लॉ, लेबर राइट्स, लेबर रिलेशन व मैनेजमेंट पर आधारित शिक्षा की जानकारी दी. इससे प्रभावित होकर सर जहांगीर घांदी ने एक कमेटी का गठन किया. इस कमेटी में अब्दुल बारी, माइकल जॉन समेत कई अन्य लोगों को शामिल किया गया. इस कमेटी को यह जिम्मेदारी दी गयी थी कि वे बताएं कि टाटा स्टील प्रबंधन व मजदूरों के बीच के रिश्ते को और बेहतर करने के लिए किसी प्रकार के कोर्स की आवश्यकता है या नहीं. इसके बाद उक्त कमेटी ने बताया कि प्रबंधन व कर्मचारियों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए उन्हें बेहतर तरीके से शिक्षित करने की आवश्यकता है. जिसके बाद 1949 में एक्सएलआरआइ ( जेवियर लेबर रिलेशन इंस्टीट्यूट की स्थापना हुई. शुरुआती दिनों में बिष्टुपुर स्थित होटल बुलेवर्ड में एक्सएलआरआइ के क्लास संचालित होते थे. बाद में सर्किट हाउस में भवन निर्माण किया गया. उस वक्त डिप्लोमा इन सोशल वेलफेयर, मास्टर्स इन सोशल वेलफेयर, डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल रिलेशन समेत कई अन्य कोर्स शुरू हुए.
1970 में शुरू हुई बीएम-एचआरएम की पढ़ाई
एक्सएलआरआइ में बिजनेस मैनेजमेंट व ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट की पढ़ाई की शुरुआत 1970 से हुई थी. इससे पूर्व देश में फुल टाइम मैनेजमेंट प्रोग्राम सिर्फ आइआइएम अहमदाबाद व आइआइएम कलकत्ता का संचालन किया जा रहा था. कोविड के बाद भले देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में वर्चुअल या ऑनलाइन क्लास की शुरुआत हुई. लेकिन, वर्चुअल प्रोग्राम के जरिये पढ़ाई सबसे पहले एक्सएलआरआइ में ही डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत से हुई थी.
काफी समृद्ध है एल्युमनी एसोसिएशन
एक्सएलआरआइ का एल्युमनी एसोसिएशन काफी समृद्ध है. हिंदुस्तान पेट्रोलियम के सीएमडी पुष्प जोशी, आइसीआइसीआइ के एमडी संदीप बख्शी, नेशनल एल्युमुनियम के एमडी गंगाधर उपाध्याय, एनएसए के डिप्टी एडवाइजर विक्रम मिश्री, 126 साल के इतिहास में पहली बार संदीप कटारिया के रूप में बाटा ने ग्लोबल चीफ ऑफिसर बनाया. इसके साथ ही शेनेल लग्जरी ब्रांड के ग्लोबल एमडी लीना नायर, थ्री एम की भारती सेन, माइक्रोसॉफ्ट के भारत के एम एरिना घोष, डेवलपमेंट बैंक ऑफ सिंगापुर के एमडी सुरोजीत सेन, हैनकेन के एमडी उदय सिन्हा, टाटा स्टील के पूर्व एमडी बी. मुत्थुरमण, टिनप्लेट के पूर्व एमडी बीएल रैना, मंजर हुसैन, टायो के एमडी प्रेम सागर, टाटा हिटाची के पूर्व एमडी राणावीर सिन्हा समेत कई अन्य एक्सएलआरआइ के पूर्ववर्ती विद्यार्थी हैं.
पांचवें वित्त आयोग के प्रारूप को तैयार करने में एक्सएलआरआइ की है अहम भूमिका
एक्सएलआरआइ ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये. एक्सएलआरआइ के प्रोफेसर इएम राव ने पांचवें वित्त आयोग के प्रारूप को तैयार करने में अहम भूमिका निभाई. इसके साथ ही संयुक्त बिहार के लिए एक्सएलआरआइ ने ही एजुकेशन पॉलिसी तैयार की थी. इतना ही नहीं, झारखंड अलग राज्य बनने के बाद एक्सएलआरआइ के प्रोफेसरों ने मैकेंजी के साथ मिल कर स्टेट डेवलपमेंट प्लान के साथ ही इंडस्ट्रियल पॉलिसी भी तैयार की. एक्सएलआरआइ की ओर से राज्य के नौकरशाहों के साथ ही सेना के अधिकारियों के लिए भी मैनेजमेंट ट्रेनिंग उपलब्ध करवायी जा चुकी है.
दक्षिण के कई राज्यों में खोला जा रहा कैंपस
एक्सएलआरआइ का विस्तार हो रहा है. हरियाणा के झज्जर में एक्सएलआरआइ के नये कैंपस की शुरुआत की गयी है. इसके साथ ही मुंबई व दक्षिण के कई अन्य राज्यों में एक्सएलआरआइ के नये कैंपस की शुरुआत की जा रही है. जमीन अधिग्रहण से संबंधित कार्य पूरे हो चुके हैं.
करीब एक लाख विद्यार्थियों में होता है 500 का चयन
एक्सएलआरआइ के जमशेदपुर व दिल्ली कैंपस में विद्यार्थियों का एडमिशन जेवियर एप्टीट्यूड टेस्ट (जैट) के जरिये होता है. जैट की परीक्षा के स्कोर कार्ड के आधार पर उम्मीदवारों का एडमिशन देश के अलग-अलग 160 बिजनेस स्कूलों में होता है.
इसमें चेन्नई के लोयोला इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, सेंट जोसेफ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, आइएमटी गाजियाबाद, जीआइएम गोवा, श्री बालाजी यूनिवर्सिटी, टीएएमपीआइ मणिपाल, एक्सआइएमबी भुवनेश्वर, दिल्ली के फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट जैसे प्रसिद्ध बिजनेस स्कूल शामिल हैं. जैट में औसतन करीब एक लाख उम्मीदवारों से करीब 500 विद्यार्थियों का चयन एक्सएलआरआइ में एडमिशन के लिए किया जाता है.
जैट के जरिये एक्सएलआरआइ के इन कोर्सों में होता है दाखिला
1. बिजनेस मैनेजमेंट प्रोग्राम (बीएम)
2. ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट प्रोग्राम (एचआरएम)
3. पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट ( 18 माह )
4. फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (एफपीएम)
5. एक्सएलआरआइ-आरबीएस डबल मास्टर्स प्रोग्राम
6. इनोवेशन, इंटरप्रेन्योरशिप एंड वेंचर क्रिएशन प्रोग्राम
अच्छे लीडर तैयार करना है मकसद
एक्सएलआरआइ का गौरवमयी इतिहास है. हम विद्यार्थियों को ना सिर्फ बिजनेस मैनेजमेंट की शिक्षा देते हैं, बल्कि देश व दुनिया के लिए अच्छे व एथिकल फ्यूचर लीडर तैयार करते हैं. 75 साल के दौरान एक्सएलआरआइ ने कई बड़ी कामयाबी हासिल की है. हम भविष्य में भी अच्छे नागरिक गढ़ने की दिशा में हमेशा कार्य करते रहेंगे. – फादर एस जॉर्ज, डायरेक्टर, एक्सएलआरआइ
एक्सएलआरआइ ने जो माइल स्टोन तय किया है, उसमें ना सिर्फ संस्थान प्रबंधन, बल्कि विद्यार्थियों, उनके अभिभावक, शिक्षकेतर कर्मचारयों, पूर्ववर्ती विद्यार्थियों का भी अहम योगदान है. एक्सएलआरआइ में इस प्रकार के कोर्स को डिजाइन किया जाता है, ताकि हम समाज के लिए जिम्मेदार मैनेजर तैयार कर सकें. – फादर डोनाल्ड डिसल्वा, डीन एडमिन
एक्सएलआरआइ का काफी समृद्ध एल्युमनी एसोसिएशन है. संस्थान से पास आउट विद्यार्थियों में हैंड होल्डिंग एटीट्यूड रहता है, जिसका काफी लाभ विद्यार्थियों को मिलता है. – राणावीर सिन्हा, अध्यक्ष, एल्युमिनी एसोसिएशन
Also Read: ड्यूटी में सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया, तो होंगे सस्पेंड, जमशेदपुर एसएसपी ने जवानों को दी चेतावनी