Jharkhand Bandh: घाटशिला के पावड़ा स्थित माझी परगना महाल बखुल में आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था की अधिकारिक संगठन ओलचिकी हूल बैसी की एक बैठक देश परगना बैजू मुर्मू की अध्यक्षता में हुई. बैठक में बैजू मुर्मू ने कहा कि राज्य सरकार को संताली भाषा व ओलचिकी के मसले पर 27 जून तक ठोस कार्यवाही के लिए समय दिया था, लेकिन सरकार उसमें विफल रही, इसलिए अब ओलचिकी हूल बैसी ने चार जुलाई को संपूर्ण झारखंड में बंद का आह्वान कर दिया है. बंदी सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक यानी 12 घंटे की होगी.
बंदी में रेल-रोड चक्का जाम किया जायेगा. साथ ही व्यावसायिक प्रतिष्ठान व स्कूलों को भी बंद कराया जायेगा. बंद से आवश्यक सेवाओं को मुक्त रखा गया है. उन्होंने कहा कि ओलचिकी हूल बैसी राज्य सरकार से निवेदन करता है कि संताली भाषा के पुस्तकों का मुद्रण ओलचिकी लिपि में कराया जाये. संताली भाषा के शिक्षकों की बहाली अविलंब करायी जाये.
साथ ही संताली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देते हुए अविलंब संताली अकादमी का गठन किया जाये. बैठक में हरिपद मुर्मू, पंचानन सोरेन, दुर्गाचरण मुर्मू, सुभाष चंद्र मांडी, धर्मा मुर्मू , पितांबर हांसदा, सुकुमार सोरेन समेत काफी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे.ं
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