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Jharkhand: जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज बन गया यूनिवर्सिटी, अब इंटर की 4500 छात्राओं के एडमिशन पर संकट

जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज अब वीमेंस यूनिवर्सिटी में तब्दील हो चुका है. यूजीसी के नियम के मुताबिक यहां इंटर की पढ़ाई नहीं हो सकती है. ऐसे में यहां एडमिशन का इंतजार कर रही 4500 छात्राओं के नामांकन पर संकट के बादल छाए हुए हैं. वहीं शिक्षा विभाग की ओर से भी कोई निर्देश नहीं दिया गया है.

Jamshedpur News: जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में इंटर की पढ़ाई पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के 15 दिनों के बाद भी जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में इंटर में एडमिशन लेने की अधिसूचना जारी नहीं की गयी. जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ अंजिला गुप्ता ने दो बार इस संबंध में राजभवन, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, उच्च शिक्षा विभाग के साथ ही झारखंड एकेडमिक काउंसिल को पत्राचार किया है. जिसमें जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज के यूनिवर्सिटी बन जाने के बाद इंटर की पढ़ाई करवानी है या नहीं, इस संबंध में दिशा-निर्देश देने की अपील की गयी है. लेकिन अब तक कहीं से भी किसी प्रकार का कोई लिखित जवाब नहीं दिया गया है. यही कारण है कि जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में इंटर की पढ़ाई को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. छात्राएं प्रतिदिन कॉलेज आ रही है, मायूस होकर वापस लौट रही है.

स्पेशल मैसेंजर से आदेश की उम्मीद

जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में इंटर में एडमिशन को लेकर किसी प्रकार का कोई निर्देश नहीं मिलने से संशय की स्थिति है. लगातार छात्राअों का दबाव बढ़ रहा है. यही कारण है कि बुधवार को यूनिवर्सिटी प्रशासन की अोर से एक स्पेशल मैसेंजर रांची भेजा जायेगा. जो स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव, राजभवन, उच्च शिक्षा निदेशक के साथ ही जैक के अधिकारियों से मुलाकात कर इस मामले में तत्काल कोई निर्देश देने का अनुरोध करेगा, ताकि इंटर की पढ़ाई को लेकर सस्पेंस खत्म हो सके.

कोल्हान से मैट्रिक में इस बार पास हुई हैं 24,483 छात्राएं

जैक की ओर से आयोजित मैट्रिक की परीक्षा में कोल्हान प्रमंडल के कुल 46,962 विद्यार्थी पास हुए. जिसमें छात्राओं की संख्या 24,483 थी. इन छात्राओं का पहला लक्ष्य अब तक जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज रहा है. कारण है कि यह एक मात्र कॉलेज है जहां दूर-दराज की छात्राओं के रहने के लिए छात्रावास की व्यवस्था है.

क्या कहती हैं वीसी

जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी की वीसी प्रो डॉ अंजिला गुप्ता ने कहा कि इंटर की पढ़ाई को लेकर मैं खुद काफी गंभीर हूं. मैं भी चाहती हूं कि पढ़ाई शुरू हो. पूर्व में कॉलेज था अब विश्वविद्यालय हो गया है. पढ़ाई शुरू हो, इसे लेकर दो-दो बार पत्राचार किया गया है. एक बार फिर पत्र लिख रही हूं ताकि कोई निर्देश मिले, जिसके आलोक में इंटर की पढ़ाई शुरू हो सके.

इंटर की पढ़ाई को लेकर क्या है तकनीकी पक्ष

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) की गाइडलाइन 2 एफ (12 बी ) के अनुसार डिग्री कॉलेजों में इंटर की कक्षा का संचालन नहीं हो सकता है. विश्वविद्यालयों में क्वालिटी एजुकेशन के लिए ये गाइडलाइन जारी किया गया है. साथ ही ये भी कहा गया था कि ऐसे डिग्री कॉलेज जहां इंटर की पढ़ाई हो रही है वहां के शिक्षकों को छठे वेतनमान का लाभ नहीं मिलेगा. चूंकि शिक्षा समवर्ती सूची में आती है, इस वजह से कई निर्णय राज्य सरकार के स्तर से भी होती है. यही कारण है कि अब तक राज्य सरकार ने कागज पर उक्त आदेश का पालन किया है. राज्य के सभी डिग्री कॉलेजों में इंटर की कक्षाएं धड़ल्ले से चल रही है, उसी आधारभूत संरचना का इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन कागज पर उसे अलग दिखाया गया है. इंटर के सभी शिक्षक संविदा पर बहाल किये गये हैं. एक भी सरकारी शिक्षक इंटर में नहीं है. डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल इसके लिए अपने स्तर से एक को ऑर्डिनेटर बहाल करते हैं. साथ ही संविदा पर बहाल होने वाले शिक्षकों की सैलरी छात्र-छात्राओं की फीस से दी जाती है.

रिपोर्ट: संदीप सावर्ण, जमशेदपुर

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