Jamshedpur news.
टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा भारत के सबसे बड़े जनजातीय सम्मेलन संवाद अपने दूसरे वर्ष के लिए काला घोड़ा आर्ट्स फेस्टिवल (केजीएएफ) में लौट आया है. यह 25वें संस्करण में आदिवासी कला और संस्कृति की जीवंत झलक पेश करने के लिए तैयार है, जो मुंबई के सबसे प्रतिष्ठित कला उत्सवों में से एक है. यह उत्सव 25 जनवरी से दो फरवरी तक आयोजित हो रहा है. संवाद और काला घोड़ा के सहयोग के तहत, झारखंड और ओडिशा के चार आदिवासी कारीगरों ने एक विशेष प्रदर्शनी के लिए 25 कलाकृतियां बनायी हैं. ये कलाकृतियां काला घोड़ा आर्ट्स फेस्टिवल की 25 साल की धरोहर का जश्न मनाती हैं और पांच विभिन्न आदिवासी कला रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं. इसमें सोहराय, पैटकरी, सौर, जुआंग और गोंड शामिल हैं. नंदिनी सिंह, लखिमोनी सरदार, दिनबंधु सोरेन और धीरेंद्र ने इन कलाकृतियों को उन राज्यों के स्वयं-सहायता समूहों में उद्यमिता के रूप में प्रस्तुत किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है