जिले में 4 लाख 13 हजार 542 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य
वरीय संवाददाता जमशेदपुर
मानगो के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी मध्य विद्यालय गांधी मैदान में जिला स्तरीय कृमि मुक्ति दिवस का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल ने बच्चों को दवा खिलाकर किया. बच्चों को कृमि के खतरे से बचाने के लिए पूर्वी सिंहभूम जिले में 4 लाख 13 हजार 542 बच्चों को एल्बेंडाजोल दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है. पहले दिन यानी शुक्रवार को कुल 70 प्रतिशत बच्चों को दवा खिलाई गयी. वहीं, बाकी बचे हुए बच्चों को 27 सितंबर को दवा खिलायी जायेगी. इस मौके पर जिला कार्यक्रम समन्वयक हकीम प्रधान, आरसीएच पदाधिकारी डॉ. रंजीत पांडा, शहरी प्लानिंग मैनेजर मनीष कुमार, लोक स्वास्थ्य प्रबंधक सुमन कुमार मंडल, बरुण कुमार प्रभारी प्राचार्य, सीआरपी आदि मौजूद थे.
कृमि बीमारी के कारण 25% बच्चे स्कूल नहीं जा पाते : डॉ साहिर पालकार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल ने कहा कि कृमि बीमारी के कारण 25% बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. कमजोर प्रतिरोधी क्षमता आगे चलकर बच्चों पर बुरा असर डालती है. कृमि संक्रमण से खून की कमी, कुपोषण, मानसिक व शारीरिक विकास में हानि और स्कूल में प्रतिभागिता में कमी हो सकती है. कृमि से संक्रमित बच्चों को अक्सर सोने में कठिनाई होती है, कभी-कभी बिस्तर गीला कर देते हैं, या रात में गुदा में खुजली के कारण चिड़चिड़े हो जाते हैं. जिले के सभी स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों पर खिलायी गयी दवा : रंजीत पांडा
जिला आरसीएच पदाधिकारी डा. रंजीत पांडा ने बताया कि जिले के सभी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा खिलायी गयी. उन्होंने कहा कि एक से दो वर्ष के बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली पीसकर पानी में घोल कर दी जाती है. जबकि दो वर्ष से तीन वर्ष तक के बच्चों को एक गोली पीसकर दी जाती है. वहीं तीन वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोर-किशोरियों को यह टेबलेट चबाकर खानी होती है. दवा सेवन से पहले थोड़ा बहुत खाना जरूर खाने की सलाह दी जाती है. बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए कृमि नाशक दवा जरूरी है. एल्बेंडाजोल एक कृमि (पेट के कीड़े) नाशक दवा है. जिसे लेने से बच्चों के पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है