जमशेदपुर, विकास श्रीवास्तव : दलमा की समृद्ध प्राकृतिक संपदा को करीब से जानने-समझने का अवसर विद्यार्थियों को मिलने वाला है. वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान के साथ-साथ पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए गज अभयारण्य के दरवाजे खोले जाने की पहल की जा रही है. वन विभाग के दलमा रेंज की तरफ से विभिन्न विश्वविद्यालयों को इसके लिए आमंत्रित किया जा रहा है. विश्वविद्यालयों से आग्रह किया जा रहा है कि वह दलमा में पाये जाने वाली वनस्पतियों के साथ-साथ पशु, पक्षी, कीट-पतंगों पर शोध करें. दलमा में छिपे कई अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने में मदद करें. विभाग योजना बनाकर वाइल्ड लाइफ प्रोफेशनल और विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ विद्यार्थियों को अध्ययन का अवसर देने जा रहा है.
विद्यार्थियों को लाभ
पेड़ -पौधे व जीव जंतुओं पर शोध करने वाले विद्यार्थियों को कई बार बाहर जाना होता है. कई बार रिसर्च के लिए सैंपल कलेक्शन बगीचे और प्रयोगशालाओं के आसपास बनाये गये गार्डन से किये जाते हैं. इससे शोध के परिणाम की गुणवत्ता पर असर पड़ता है. जीव-जंतुओं के मामले में भी छात्र अधिकतर बार चिड़ियाघर पर निर्भर होते हैं. इससे फील्ड वर्क नहीं हो पाता. कई बार अनुमति लेने में होने वाली परेशानियों का आकलन कर गाइड और छात्र पर्यावरण और वाइल्ड लाइफ के अहम तथ्यों का चयन नहीं करते हैं.
ये होगा लाभ
197 किलाेमीटर दायरे में फैला दलमा गज अभयारण्य अपने घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है. यहां बड़ी संख्या में हरिण, भालू, सुअर, जंगली बिल्ली, लाल गिलहरी, अजगर अन्य जीव जंतु पाये जाते हैं. पूर्व के शोध में यह बात सामने आयी है कि यहां के जंगल में कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जो हजारों वर्ष पुराने हो सकते हैं. कई औषधीय पौधे भी मौजूद हैं. कई पेड़ों की उम्र के बारे में विभाग के पास भी प्रमाणिक आंकड़ा नहीं है. ऐसे में अगर बड़े स्तर पर पेड़, पौधों पर शोध कार्य होगा तो कई नयी बातें सामने आ सकती हैं.
Also Read: Tata Steel Jobs: युवाओं के लिए अच्छी खबर, टाटा स्टील में जल्द निकलेगी 2000 वैकेंसी
ऐसे करें आवेदन
शोध के लिए पंजीकृत विद्यार्थी शोध निदेशक के माध्यम से वन विभाग को पत्र लिखकर दलमा में अध्ययन कीअनुमति ले सकते हैं. रिसर्च गाइड के माध्यम से गज परियोजना प्रमंडल जमशेदपुर, दलमा वन्य जीव प्राणी पूर्वी सिंहभूम प्रक्षेत्र के नाम पत्र लिख कर अनुमति लेनी होगी. अनुमति पत्र के साथ सैंपल कलेक्शन की अनुमति लेनी होगी. इससे शोधार्थी को प्रमाणित आंकड़े मिल सकेंगे. उन्हें जंगल में अध्ययन की उचित व्यवस्था और सुरक्षा मिल सकेगी.
दलमा के जंगलों में कई रहस्य : डीएफओ
इस संबंध में जमशेदपुर प्रमंडल गज परियोजना के डीएफओ सह निदेशक अभिषेक कुमार ने कहा कि दलमा के जंगलों में कई रहस्य हैं. शोधार्थी इन क्षेत्रों में अध्ययन के लिए आवेदन कर सकते हैं. अध्ययन में दलमा से जुड़ी कई नयी जानकारियां सामने आ सकती हैं. छात्र पीएचडी गाइड के पत्र के माध्यम से अनुमति प्राप्त कर सकते हैं. कई लोग जंगल में बगैर अनुमति के प्रवेश कर जाते हैं. यह विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा है. विश्वविद्यालय छात्रों को जंगल, जीव जंतुओं पर गुणवत्तापूर्ण शोध के लिए प्रेरित करें.