जमशेदपुर, संदीप सावर्ण. शहर के प्राइवेट स्कूलों में नये सत्र 2023-2024 की शुरुआत हो गयी है. नये सत्र में प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों ने सालाना के साथ मासिक ट्यूशन फीस में भी भारी बढ़ोतरी कर दी है. मासिक फीस बढ़ोतरी में झारखंड एजुकेशन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का उल्लंघन किया गया है. केरला पब्लिक स्कूल कदमा ने दो सालों में ट्यूशन फीस में 21 प्रतिशत, जमशेदपुर पब्लिक स्कूल ने अधिकतम 10 फीसदी बढ़ाई है, लेकिन ओवरऑल बढ़ोतरी 11.85 प्रतिशत कर दी है. वहीं, टैगोर एकेडमी प्रबंधन ने ट्यूशन फीस में 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है. सिर्फ ट्यूशन फीस में ही नहीं, विभिन्न स्कूल प्रबंधकों ने वार्षिक शुल्क, मेंटेनेंस, फीस बुक, स्मार्ट क्लास, लैब, लाइब्रेरी समेत अन्य सभी मदों में बढ़ोतरी की है, जिसका सीधा असर अभिभावकों की जेब पर पड़ रहा है.
तीन साल का ब्योरा : किस स्कूल ने कितनी बढ़ाई ट्यूशन फीस
स्कूल – क्लास – वर्ष 2021-22- 2022-23- 2023-24
एलएफएस- 1- 2055-2260-2440
डीएवी बिष्टुपुर- 1- 2170- 2360- 2360
राजेंद्र विद्यालय- 1- 1900- 1900- 2070
टैगोर एकेडमी- 1- 1870- 2060- 2270
जेपीएस- 1- 1680-1680-1850
गुलमोहर हाइस्कूल- 1- 1935- 1935- 2125
केपीएस कदमा- 1- 1400- 1540- 1700
जुस्को स्कूल कदमा- 1- 2420- 2420-2662
चिन्मया विद्यालय साउथ पार्क- 1- 1640-1640-1800
केएसएमएस- 1- 1900- 1900- 2090
लोयोला – 1- 2630-2750-2880
तारापोर – 1- 1936- 1936-2130
एमएनपीएस- 1- 1670-1670-1820
सेंट मेरीज- 1- 1675-1780-1780
सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट व कारमेल जूनियर ने फीस संबंधी जानकारी विभाग को नहीं दी
पिछले दिनों जिला शिक्षा अधीक्षक ने जिले के प्राइवेट स्कूलों को पत्र लिख कर पिछले तीन साल का ब्योरा मांगा था. स्कूल प्रबंधकों से मांग की गयी थी कि वे विभिन्न क्लासवार वार्षिक शुल्क के साथ ही अन्य सभी मदों में कितनी फीस लेते हैं. शहर के सभी प्राइवेट स्कूलों ने उक्त पत्र के जवाब में ब्योरा विभाग को सौंपा, लेकिन सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल व कारमेल जूनियर कॉलेज ने फीस संबंधी कोई जानकारी नहीं दी.
केएसएमएस ने अलग-अलग मदों के फीस की जानकारी छिपाई
शहर के कई प्राइवेट स्कूलों ने अलग-अलग मदों में ली जाने वाली फीस संबंधी जानकारी जिला शिक्षा विभाग से छिपाई है. केरला समाजम मॉडल स्कूल प्रबंधक ने लिखित जानकारी में उल्लेख किया है कि किसी भी क्लास के बच्चे से किसी तरह की कोई मेंटेनेंस फीस नहीं ली जाती है. वहीं, दसवीं तक सालाना लैब फीस के मद में ली जाने वाली राशि का भी उल्लेख नहीं किया गया है. लाइब्रेरी फीस, एग्जाम फीस, प्रोस्पेक्टस फीस, स्कूल मैगजीन फीस तमाम तरह की फीस का कोई ब्योरा नहीं दिया गया है. जबकि अभिभावकों ने बताया कि स्कूल में उक्त सभी तरह की फीस ली जाती है.
फीस के हिसाब से नहीं मिल रही पढ़ाई की सुविधा
अभिभावकों ने बताया कि प्राइवेट स्कूल जिस हिसाब से फीस बढ़ा रहे हैं, उस हिसाब से बच्चों की पढ़ाई में सुविधा नहीं मिल रही है. जूनियर क्लास में कई प्राइवेट स्कूलों में बगैर ट्रेंड टीचर से काम लिया जा रहा है.
क्या है अधिनियम में
जेट अधिनियम के तहत निजी स्कूल मनमानी फीस नहीं बढ़ा सकते. प्रत्येक दो साल पर प्राइवेट स्कूल प्रबंधक 10 फीसदी तक फीस बढ़ा सकते हैं. वे चाहें तो दो साल में एक साथ ही बढ़ा सकते हैं या चाहें तो अपनी स्वेच्छा से प्रत्येक साल 5-5 फीसदी ट्यूशन फीस बढ़ा सकते हैं. इससे अधिक अगर फीस बढ़ाते हैं तो उन्हें जिला स्तर पर फीस निर्धारण कमेटी से अनुमति लेनी होगी. अगर स्कूल मनमाने तरीके से फीस बढ़ाते हैं तो 50,000 रुपये से लेकर 2.5 लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा. साथ ही, स्कूल की मान्यता भी रद्द करने का प्रावधान है.
जेट के अधिनियम के खिलाफ जमशेदपुर के स्कूल संचालक गये हैं हाइकोर्ट
जेट के आदेश के खिलाफ राज्य के प्राइवेट स्कूल प्रबंधक हाइकोर्ट चले गये हैं. जमशेदपुर के अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें झारखंड एजुकेशन ट्रिब्यूनल के संशोधित अधिनियम को चुनौती दी गयी है. फिलहाल मामला हाईकोर्ट में है.