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Ragging In Medical College: जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में फिर रैगिंग, नेशनल मेडिकल कमीशन ने प्राचार्य से मांगी रिपोर्ट

Ragging In Medical College: जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जूनियर से फिर रैगिंग की गयी है. शिकायत के बाद एनएमसी ने कॉलेज के प्राचार्य से रिपोर्ट मांगी है और जांच कर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. पूछताछ में पांच सीनियर के नाम सामने आये हैं.

Ragging In Medical College: जमशेदपुर-एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर रैगिंग का मामला प्रकाश में आया है. पीड़ित ने इसकी शिकायत नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) से की है. एनएमसी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से रिपोर्ट मांगी है और जांच कर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. पीड़ित छात्र को परेशानी नहीं हो, इसको ध्यान में रखते हुए कॉलेज प्रबंधन ने इसकी जांच शुरू कर दी है. मंगलवार को पटमदा डीएसपी बचन देव कुजूर और एमजीएम थाना प्रभारी राम लाल मंडल मामले की जांच करने मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे. उन्होंने 2021-23 बैच के छात्रों से पूछताछ की. पूछताछ में पांच छात्रों का नाम सामने आया है.

एंटी रैगिंग सेल कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक पांच जुलाई को

जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने पांच जुलाई को एंटी रैगिंग सेल कमेटी की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलायी है, जिसमें आरोप साबित हो जाता है तो कमेटी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्णय ले सकती है. इसमें आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने से लेकर उन्हें कॉलेज से सस्पेंड करने, 25 हजार रुपये जुर्माना या उससे अधिक दंड भी हो सकता है. जांच रिपोर्ट के बाद इस पर निर्णय लिया जायेगा. वहीं, एमजीएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर केएन सिंह ने कहा कि पटमदा के डीएसपी ने 2021-23 बैच के छात्रों को बुलाकर पूछताछ की है. लेकिन सभी ने इस घटना से इंकार किया है. उसके बाद सभी से अकेले में पूछताछ की गयी, जिसमें किसी ने कुछ नहीं बताया.

हॉस्टल में लगे सीसीटीवी कैमरे को छात्रों ने तोड़ा, पीड़ित ने वीडियो एनएमसी को भेजा


मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ केएन सिंह ने बताया कि हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था, जिसे छात्रों ने तोड़ दिया है. इसके कारण उस दिन का फुटेज नहीं मिल रहा है. पीड़ित ने घटना से संबंधित वीडियो एनएमसी को भेजा है, जिसके आधार पर जांच की जा रही है. डॉ केएन सिंह ने बताया कि रैगिंग से संबंधित मामला संज्ञान में आया है. इस मामले की जांच की जा रही है. मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों के अनुसार, कॉलेज के हॉस्टल में इंटर्नशिप कर रहे छात्र रह रहे हैं. सीनियर होने के कारण वे लोग हमेशा जूनियर के साथ इस तरह की हरकतें करते हैं. जबकि उन लोगों को हॉस्टल खाली कर देना चाहिए था. लेकिन उन्होंने अभी भी कब्जा कर रखा है. इंटर्नशिप करने वाले छात्रों के लिए साकची शीतला मंदिर के पास हॉस्टल बनाया गया है. लेकिन वे लोग वहां नहीं रहकर कॉलेज के हॉस्टल में ही रहते हैं.

जूनियर छात्रों ने एनएमसी से की शिकायत


एनएमसी से एमजीएम मेडिकल कॉलेज के जूनियर छात्रों ने सीनियर के खिलाफ शिकायत की है. इसमें कहा गया है कि छात्रावास में कुछ सीनियर असहनीय माहौल बना रहे हैं. उनकी हरकतों के कारण पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना और शांतिपूर्ण माहौल बनाये रखना कठिन हो गया है. सीनियर रात में नशाकर तेज आवाज में संगीत बजाते हैं और हल्ला करते हैं. इससे न केवल उनकी नींद खराब होती है, बल्कि पढ़ाई भी नहीं हो पाती है. साथ ही छात्रावास के साथियों के साथ उनका व्यवहार काफी अनुचित रहा है. वे बिना किसी कारण हमलोगों पर चिल्लाते हैं और भय का माहौल बनाकर रखते हैं. शिकायत में पांच सीनियर छात्रों पर आरोप लगाया गया है. उन पर यौन उत्पीड़न के साथ-साथ जबरदस्ती शराब पिलाने व धूम्रपान कराने का भी आरोप है. 29 जून को एक सीनियर ने शराब के नशे में जूनियर के साथ अशोभनीय व्यवहार किया.

पहले भी रैगिंग के मामले में छात्रों पर लगा है जुर्माना


एमजीएम मेडिकल कॉलेज में सीनियर व जूनियर छात्रों के रैगिंग का मामला नया नहीं है. पहले भी रैगिंग के मामले सामने आये हैं. पिछले दिनों रैगिंग का एक मामला सामने आने पर कॉलेज प्रबंधन ने तीन छात्रों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. इसको लेकर कॉलेज के एंटी रैगिंग सेल कमेटी की बैठक में छात्रों को दोषी पाया गया था और उनके खिलाफ कार्रवाई की गयी थी. तीन सीनियर छात्रों ने दो जूनियर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार किया था. इसकी शिकायत नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) से भी की गयी थी.

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