जमशेदपुर: करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज में गुरुवार से दो दिवसीय को भारतीय शैक्षिक विकास में संताली मातृभाषा के योगदान पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ हुआ. इसका आयोजन संताली विभाग एलबीएसएम कॉलेज व ऑल संताल इंटेक्चुअल्स एसोसिएशन जमशेदपुर के द्वारा किया जा रहा है.
सेमिनार में कौन कौन हुए शामिल
सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री रामदास सोरेन एवं कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता के रूप में केयू के कुलपति हरि कुमार केशरी एवं विशिष्ट अतिथि प्राचार्य डॉ. बीएन प्रसाद, जनजातीय एवं क्षेत्रीय विभाग कोल्हान के विभागाध्यक्ष डा. सुनील मुर्मू, संबलपुर विश्वविद्यालय के डॉ नाकु हांसदा, एलबीएसएम के पूर्व प्राचार्य डा.एके झा, शिक्षक व साहित्यकार सलखू मुर्मू, बारीपदा ओडिशा के एमएससीबीयू कॉलेज के संताली विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर जतिंद्र नाथ बेसरा, पश्चिम बंगाल लालगढ़ के लालगढ़ डिग्री कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर रामो टुडू, साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता वीर प्रताप मुर्मू मौजूद थे.
मंत्री रामदास सोरेन बोले- मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने से शैक्षणिक स्थिति होगी मजबूत
मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि राज्य में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं की शिक्षा को प्राथमिक और उच्चतर प्राथमिक स्तर पर लागू करने की दिशा में राज्य सरकार ने आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इस पहल की महत्ता को रेखांकित करते हुए मंत्री ने कहा कि बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने से उनकी बौद्धिक क्षमता और शैक्षणिक प्रदर्शन में गुणात्मक सुधार होगा. मातृभाषा में शिक्षा से बच्चों की शैक्षणिक स्थिति मजबूत होगी. कार्यक्रम का संचालन प्रो. लखाई बास्के ने किया. सेमिनार को सफल बनाने में एलबीएसएम कॉलेज संताली विभागाध्यक्ष प्रो. बाबूराम सोरेन, असिस्टेंट प्रोफेसर संजीव मुर्मू, प्रो. लखाई बास्के, प्रो. रामो टुडू, सरस्वती टुडू, सुकरा हो, आनंद बेसरा, सालू मुर्मू व सुराई हेंब्रम आदि योगदान दे रहे हैं.
80 सीएम स्कूल ऑफ एक्सेलेंस खोले जायेंगे
मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जल्द ही 80 सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इन स्कूलों की स्थापना के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं शुरू हो चुकी हैं और शैक्षणिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है. राज्य सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में शिक्षा के परिदृश्य को पूरी तरह बदलना है. यह पहल न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेगी, बल्कि विद्यार्थियों को आधुनिक संसाधनों और उत्कृष्ट शिक्षण प्रणाली का लाभ भी मिलेगा.
शोधार्थी व विशेषज्ञों ने शोध आलेख प्रस्तुत किया
सेमिनार में ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और नेपाल के शोधार्थी तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, बुद्धिजीवीयों एवं विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं. शनिवार को शोधार्थी व विशेषज्ञों ने 20 शोध आलेख प्रस्तुत किया. रविवार को भी शोधार्थी व विशेषज्ञों के द्वारा 20 शोध आलेख प्रस्तुत किया जायेगा.
एलबीएसएम व घाटशिला कॉलेज में खुलेगा बीएड कॉलेज
मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में वीसी को नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय में शिक्षकों को नियुक्त करने की जायेगी. 24 वर्षों के बाद भी राज्य में भाषागत विकास नहीं हुआ है, लेकिन आने वाले समय में उन सारे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है, जो राज्य निर्माण के समय निर्धारित किये गये थे. उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल कॉलेज व घाटशिला कॉलेज में बीएड कॉलेज खोला जायेगा. इसके लिए भी आवश्यक पहल शुरू कर दी गयी है. घाटशिला में बीएड कॉलेज के साथ 300 सीट वाले लड़कियों के छात्रावास भी खोला जायेगा.
सेमिनार में इन बिंदुओं पर हो रहा मंथन
- मातृभाषा में शिक्षा के फायदे और इसका बच्चों के शैक्षिक प्रदर्शन पर प्रभाव
- भारत में मातृभाषाओं की वर्तमान स्थिति, चुनौतियां, और अवसर
मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी नीतियों और कार्यक्रम
आदिवासी समाज और भारतीय संविधान में निहित उनके अधिकार - नई शिक्षा नीति 2020
- आदिवासी प्रशासन तथा विकास कार्यों में उनकी भागीदारी