Jharkhand news: ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट की ओर से टाटा स्टील को पांचवीं बार देश में ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ ऑर्गनाइजेशन के रूप में प्रमाणित किया गया है. पिछले कुछ वर्षों में टाटा स्टील ने कार्यबल के विभिन्न वर्गों के लिए कई पथ प्रदर्शक नीतियां, अभ्यास और पहल शुरू की है.
इस साल टाटा स्टील ने कोर माइनिंग ऑपरेशंस में 14 ट्रांसजेंडरों और 38 महिला हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी ऑपरेटरों को शामिल किया गया था. कंपनी महामारी के दौरान भी कर्मचारी कल्याण योजनाओं और सामुदायिक पहल में अग्रणी रही है. इसी दौर में कंपनी ने साल 2020 में एजाइल वर्किंग मॉडल पेश किया.
इस साल की शुरुआत में राष्ट्रीय अध्ययन के तहत 2021 में ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया की ओर से टाटा स्टील की राष्ट्र निर्माताओं के बीच देश के सर्वश्रेष्ठ न्योक्ताओं में से एक के रूप में नामित किया. इस विशेष श्रेणी के पुरस्कार को इसी साल लॉन्च किया गया था.
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114 साल से अधिक अवधि में टाटा स्टील दुनिया में सबसे अधिक कर्मचारी अनुकूल कंपनियों में से एक के रूप में उभरी है. कंपनी कानून द्वारा अनिवार्य किये जाने से पहले ही कर्मचारी कल्याण योजनाओं और सामुदायिक पहलों में अग्रणी रही है. 8 घंटे का कार्य दिवस, वेतन के साथ छुट्टी, श्रमिक भविष्य निधि योजना जैसी उल्लेखनीय पहल शामिल है, जिन्हें बाद में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा अपनाया गया और भारत में कानून द्वारा अधिनियमित किया गया. टाटा स्टील का पीपुल फर्स्ट अप्रोच अग्रणी पहलों को लागू कर रहा है.
इस संबंध में टाटा स्टील के वीपी एचआरएम अत्रेयी सान्याल ने कहा कि पांचवीं बार ग्रेट प्लेस टू वर्क के रूप में प्रमाणित होना, हमारे लिए गर्व व सम्मान की बात है. हमने हमेशा एक ऐसे संस्थान के निर्माण और पोषण में विश्वास किया है, जो उच्च स्तर के प्रदर्शन से प्रेरित हो. जब कार्यबल प्रबंधन की बात आती है, तो हमने हमेशा अपनी अग्रणी पहल की है.
Posted By: Samir Ranjan.