संवाददाता, जामताड़ा बनवासी विकास आश्रम संस्था के तहत एक्सेस टू जस्टिक परियोजना के तहत गुरूवार को मिडिया संवाद किया. इस अवसर पर जिला परियोजना समन्वयक शालिनी कुमारी ने बताया कि भारत सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ के आह्वान के समर्थन में गैरसरकारी संगठन बनवासी विकास आश्रम ने जामताड़ा में बाल विवाह के खिलाफ 1245 जागरूकता व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन किया. इस दौरान मशाल जुलूस और कैंडल मार्च में बाल विवाह पीड़िताओं, महिलाओं, बच्चों व पुरुषों सहित लगभग 115340 लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली और जागरूकता के प्रसार के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी की. बनवासी विकास आश्रम 250 से भी अधिक अग्रणी गैरसरकारी संगठनों के देशव्यापी गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ (जेआरसी) का सहयोगी है. जो जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए काम कर रहा है. बनवासी विकास आश्रम ने स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझा कर 2024 -25 में जिले में 210 बाल विवाह रुकवाए हैं. कहा बाल विवाह के खिलाफ यह सामूहिक लामबंदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ के आह्वान के समर्थन में हुई. जिसकी शुरुआत 27 नवंबर को दिल्ली में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने की थी. मौके पर राजकिशोर यादव, प्रीति गोस्वामी, यूनिसेफ के डीपीसी प्रशांत कुमार आदि थे.
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