13.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भक्त ध्रुव, प्रह्लाद व वामन अवतार का किया गया वर्णन

कथावाचिका सिया तान्या शरण ने भक्त ध्रुव, प्रह्लाद और वामन अवतार की कथा सुनायी.

नारायणपुर. करमाटांड प्रखंड के ठाकुरबाड़ी में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचिका सिया तान्या शरण ने भक्त ध्रुव, प्रह्लाद और वामन अवतार की कथा सुनायी. कहा कि मनू और शत रूपा को दो पुत्र और तीन पुत्रियां हुईं. पुत्रों के नाम प्रियव्रत और उत्तानपाद. राजा उत्तानपाद की दो रानियां थीं. एक का नाम सुरुचि और दूसरे का नाम सुनीति था. राजा सुरुचि को अधिक प्यार करते थे. उनके पुत्र का नाम उत्तम और सुनीति के पुत्र का नाम ध्रुव था. बालक ध्रुव एक बार पिता की गोद में बैठने की जिद करने लगता है, लेकिन सुरुचि उसे पिता की गोद में बैठने नहीं देती है. ध्रुव रोता हुआ मां सुनीति को सारी बात बताता है. मां के आंखों में आंसू आ जाते हैं और वह ध्रुव को भगवान की शरण में जाने को कहती हैं. पांच वर्ष का बालक ध्रुव राज्य छोड़कर वन में तपस्या के लिए चला जाता है. नारद जी रास्ते में मिलते हैं और ध्रुव को समझाते हैं कि मैं तुम्हें पिता की गोद में बैठाऊंगा, लेकिन ध्रुव ने कहा कि पिता की नहीं अब परम पिता की गोद में बैठना है. कठिन तपस्या से भगवान प्रसन्न हो वरदान देते हैं. भक्त प्रह्लाद की कथा सुनाते हुए व्यास जी ने कहा कि पिता अगर कुमार्ग पर चले तो पुत्र का कर्तव्य है उसे सही मार्ग पर लाये. तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद प्रह्लाद ने भक्ति का मार्ग नहीं छोड़ा. भगवान ने नरसिंह रूप में अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध कर अपने परमधाम को पहुंचाया. भगवान के वामन अवतार ने राजा बलि के अहंकार को चूर किया और उन्हें भगवान भक्ति की और आकर्षित किया. कथा में श्रोताओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें