कुंडहित. संताल समुदाय का महापर्व सोहराय के चौथे दिन लोगों ने सामूहिक रूप से मछली पकड़ कर हाकू काटकम मनाया. परंपरा के अनुसार इस दिन संताल समुदाय के लोग अहले सुबह निकटवर्ती नदियों, तालाबों, जोरिया आदि में जाकर मछली पकड़ते हैं. इस दौरान युवक-युवतियां पारंपरिक परिधानों में सज-धज कर मांदर की थाप पर घंटो नृत्य करते हैं और पर्व की खुशियां मनाते हैं. फिलहाल कुंडहित प्रखंड के तमाम संताल समुदाय बहुल गांवों में सोहराय की धूम परवान पर है. नाला प्रखंड में भी धूमधाम से मना हाकू काटकम नाला. प्रखंड के विभिन्न आदिवासी गांवों में सोहराय महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. सोमवार को समुदाय के लोगों ने हाकू काटकुम के रूप में मनाया. इस दिन सभी लोगों ने मछली पकड़ कर मछली भात खाकर पर्व को मनाया. आदिवासी समुदाय के पांच दिनों तक चलने वाला सोहराय पर्व के अंतिम दिन यानी मंगलवार को पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार साकरात के रूप में मनाया जायेगा. इस दिन समुदाय के लोग सामूहिक रूप से जंगल में शिकार करने के लिए निकलेंगे. शिकार में जो भी मिलता है उसे सभी लोग समान रूप से बांटते हैं. कड़ाके की ठंड के बावजूद मांदर, नगाड़ा, झाल के साथ महिला पुरुष पारंपरिक नृत्य में डूबे रहे. मांदर सहित विभिन्न प्रकार के वाद्ययंत्रों की धुन चारों और गुंज रही है.
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