नारायणपुर. विधानसभा चुनाव के तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं राजनीतिक रंग का खुमार सर चढ़कर बोल रहा है. पंचायत के मुखियाओं में इन दिनों राजनीति का नित्य नये रंग देखने को मिल रहा है. राजनीतिक धुरंधर नित्य गुल खिला रहे हैं. बात ग्रामीण राजनीति की हो रही है और जामताड़ा विधानसभा के 25 पंचायत में सघन जनसंख्या वाले नारायणपुर प्रखंड का जिक्र न हो तो फीका-फीका सा लगता है. नारायणपुर के ग्रामीण नेता इन दिनों विधानसभा प्रत्याशी को जमकर हिचकोले खिला रहे हैं. नेताजी माला तो इस कदर पहन रहे और बदल रहे हैं कि जनता और प्रत्याशी दोनों असमंजस में हैं. सुबह नेताजी इस खेमे में तो शाम को उस खेमे में. नेताजी माला ही नहीं बल्कि अपना मन और विचार भी एक ही सुर में अल्प कर रहे हैं. राग भी वहीं पुरानी और घिसी पीटी. नेताजी कभी इस पार्टी में तो कभी उस पार्टी में सम्मान नहीं मिलने का हवाला देकर पाला बदल रहे हैं. हालांकि जामताड़ा विधानसभा में चुनाव 20 नवंबर को है, लेकिन इस बीच नारायणपुर के ग्रामीण नेता नित्य जमकर राजनीति रंग दिखा रहे हैं. अब राजनीति की यह बिसात विधानसभा चुनाव में क्या गुल खिलाती है यह तो आने वाला समय ही तय करेगा. बहरहाल ग्रामीण नेताओं के चकमे से जनता और नेता दोनों ही राजनीति गलियारे में जमकर हिचकोले खा रहे हैं.
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