शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने का अभियान शुरू फोटो – 11 कार्यशाला का शुभारंभ करते एडीपीओ व अन्य प्रतिनिधि, जामताड़ा जिले के सभी शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए पबिया डायट में शुक्रवार को एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस अवसर पर एडीपीओ मनोज कुमार ने कहा कि तंबाकू सेवन की आदत जनस्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या वैश्विक स्तर पर उभर रहा है. तंबाकू सेवन के दुष्परिणाम के प्रति अवयस्क और युवा वर्ग में जागरुकता फैलाना आवश्यक है. हम सबकी जिम्मेदारी है कि अपने आनेवाले भविष्य की चिंता करते हुए युवाओं और अवयस्कों को तंबाकू की लत से दूर रखें. उन्होंने बताया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार के मार्गदर्शन में सोशिओ इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीड्स) द्वारा “तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान के दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन के लिए सकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं. कहा राज्य के सभी जिलों में सभी विद्यालयों को तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान के रूप में विकसित किया जायेगा. उन्होंने सभी प्रतिभागियों को तंबाकू का सेवन न करने की शपथ दिलायी. सीड्स के कार्यक्रम समन्वयक रिम्पल झा ने कहा भारत में 13-15 वर्ष के 8.5 प्रतिशत छात्रगण किसी न किसी प्रकार के तंबाकू का उपयोग कर रहे हैं. वहीं झारखंड में यह 5.1 प्रतिशत है, जो चिंता का विषय है. कहा कि तंबाकू सेवन से हर साल देश में लगभग 13 लाख लोगों की मौत हो रही है. खास तौर पर बच्चों, अवयस्कों एवं युवा वर्गों को बचाये जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा प्रायः ऐसा देखा जाता है कि राज्य के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के आसपास तंबाकू उत्पाद जैसे कि सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, जर्दा एवं खैनी आदि की बिक्री की जाती है. इससे कम आयु के युवाओं एवं छात्रों में धूम्रपान एवं तंबाकू सेवन की व्यसन को बढ़ावा मिलता है. मौके पर डायट प्रभारी बिनोद कुमार, संकाय सदस्य कृष्णानंद, तैय्यब अंसारी, समीर कुमार, सुबोध कुमार आदि मौजूद थे.
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