1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान और विश्व शांति महायज्ञ का अंतिम दिन 12कोडपी2मौके पर मुनि श्री व अन्य़ प्रतिनिधि, झुमरीतिलैया परम पूज्य जैन संत मुनि श्री 108 सुयश सागर जी के मंगल आशीर्वाद से 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान और विश्व शांति महायज्ञ के अंतिम दिन 1008 आदिनाथ भगवान का लोगों ने अभिषेक किया़ शांति धारा का सौभाग्य राकेश-प्रीति छाबड़ा को प्राप्त हुआ़ पंडित अभिषेक शास्त्री द्वारा विधान प्रारंभ किया गया़ जिसमें 1024 अर्ध और श्री फल प्रभु के चरणों में सोधर्म इन्द्र के साथ सभी इन्द्रों के द्वारा मंडप पर चढ़ाया गया़ मौके पर पूज्य मुनि श्री ने अपने मंगल उदभोधन करते हुए कहा कि सिद्ध चक्र महामंडल विधान अरबपति खरबपति नहीं या पैसे वाले नहीं कर पाते हैं, जो मन के धनी होते हैं जो किस्मत के धनी होते हैं और जिनका पुण्य जोर मारता है, वे ही साक्षात भगवान के दरबार में विधान करा पाते है़ं उन्होंने कहा कि जो पाप कर्म, तप और त्याग से नहीं कट सकते हैं वो पाप कर्म सिद्धचक्र विधान करने से कटते हैं आठ दिनों तक उपवास करने वाली नीलम सेठी को समाज की ओर से अनुमोदना किया गया़ पूजन के बाद मुनि श्री गाजे बाजे के साथ नया जैन मंदिर पानी टंकी रोड पहुंचे जहां नया मंदिर के नए द्वार के पुण्याजक परिवार प्रदीप-मीरा छाबड़ा ने मुनि श्री की आगवानी कर चरण धोया़ इसके बाद पंडित द्वारा पूजन और मंत्रोचार कर मुनि श्री के मंगल आशीर्वाद से उत्तर मुख दरवाजे का उदघाटन किया गया़ समाज के सभी पदाधिकारियों ने पुण्याजक परिवार प्रदीप-मीरा छाबड़ा, पीयूष-प्रियंका, राहुल-आरची छाबड़ा, हजारीबाग से आए सुबोध-मनोरमा, सरिया से आये राजेश सेठी आदि को तिलक, माला और साफा पहनाकर स्वागत किया़ मुनि श्री ने कहा कि उत्तर मुख कुबेर का होता है यह पूरे समाज और शहर के लिए शुभ है़ प्रदीप छाबड़ा परिवार को मेरा बहुत बहुत आशीर्वाद है़ संध्या में भव्य आरती ललित-आशीष सेठी टेलेंट ग्रुप परिवार द्वारा किया गया़ इसके साथ ही सुबोध गंगवाल, नवादा से आये विजय जैन, जियागंज से आये सुशील जैन ने अपने भजन से सभी को भक्ति में डूबा दिया़ णमोकार चालीसा का पाठ भी किया गया़ मौके पर कोडरमा मीडिया प्रभारी राज कुमार अजमेरा, नवीन जैन सहित कई श्रद्धालु भक्त मौजूद थे़
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