डोमचांच. प्रखंड के सुदूरवर्ती सपही से पुलिस पिकेट हटाये जाने की सूचना पर सोमवार को ग्रामीण एकजुट हुए और इसे हटाने का विरोध किया. पिकेट में तैनात पुलिस पदाधिकारी व जवानों के यहां से सामान सहित वाहन से जाते देख ग्रामीण विरोध में उतर आये. क्षेत्र की सुरक्षा को मुद्दा रखते हुए पिकेट को स्थायी रूप से संचालित रखने की मांग करने लगे़ लोगों के विरोध को देख पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया़ पिकेट हटाने के विरोध में स्थानीय स्कूली छात्र- छात्राओं ने भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन में भाग लिया़ इस बीच मामले की जानकारी मिलने पर विधायक डॉ नीरा यादव, पूर्व जिप अध्यक्ष शालिनी गुप्ता, जिप सदस्य शांति प्रिया व अन्य जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंच़े विधायक ने पूरे मामले को लेकर जानकारी दी़ पुलिस ने फिलहाल पिकेट हटाने के आदेश को वापस ले लिया है़ मौके पर पहुंची विधायक डॉ नीरा ने बताया कि पूरे मामले को लेकर डीजीपी से सुबह में बात की और पिकेट को यहीं पर रहने देने का अनुरोध किया़ विधायक ने बताया कि सपही बिहार की सीमा पर स्थित है और जंगलों से घिरा है़ ऐसे में सुरक्षा के दृष्टिकोण से पिकेट को हटाना उचित नहीं होगा़ हालांकि, पुलिस मुख्यालय का तर्क था कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पूरे राज्य से 40 पिकेट को हटाया जा रहा है़ चुनाव के बाद पुन: व्यवस्था बहाल हो जायेगी़ विधायक ने बताया कि स्थानीय पारोह,जा नपुर व ढोढ़ाकोला के ग्रामीणों की बात से डीजीपी को अवगत कराया गया, तो पिकेट को हटाने का आदेश वापस लिया गया है़ पूर्व जिप अध्यक्ष शालिनी गुप्ता ने ग्रामीणों से बात कर समस्या की जानकारी ली़ उन्होंने पुलिस अधीक्षक व डीआइजी से बात की़ शालिनी के अनुसार, वार्ता के बाद सपही पिकेट को यथावत रखा गया है़ 2007 में बना है पिकेट, हटने से बढ़ सकता है अपराध : इससे पहले पुलिस का वाहन रोक विरोध जता रहे ग्रामीणों कहना था कि अगर पिकेट हट जायेगा, तो इस क्षेत्र में अपराध बढ़ जायेगा. पिकेट 2007 में बना है. पिकेट के हटने से असुरक्षा की भावना बनेगी़ लोगों का यह भी कहना था कि पारोह, ढोढाकोला, जानपुर, कोठियार व सवेयाटांड़ (बिहार) की आबादी 50-60 हजार है. इस इलाके में उग्रवादी गतिविधियां भी होती रही है़ं पिकेट के हटने से यहां के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. मौके पर डोमचांच थाना प्रभारी प्रेम कुमार, सपही पिकेट प्रभारी रमेश मरांडी, पारोह मुखिया दिनेश यादव, जानपुर मुखिया मंसुर अली, ढोढ़ाकोला मुखिया सीता देवी, पंसस दिनेश यादव, अख्तर अंसारी, उप मुखिया रामू सिंह, मथुरा पंडित, पप्पू यादव, वीरेंद्र यादव, रामस्वरुप यादव, मनोज यादव, राजेश यादव, त्रिवेणी यादव, पूर्व मुखिया सिकंदर कुमार, महेश यादव, अशोक यादव, कुंदन साव, खुशबू देवी, वीरेंद्र साव, प्रदीप यादव, राजू कुमार, धर्मेंद्र विश्वकर्मा, मनोज साव, वीरेंद्र यादव, विकास कुमार, पिंटू कुमार, कैलाश यादव, किशोर यादव, सुबोध यादव, संजय पासवान आदि मौजूद थे़
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