महुआडांड़़ प्रखंड में मानव तस्करों का गिरोह सक्रिय है. प्रखंड के गांवों से आदिवासी बच्चियों को नौकरी दिलाने के नाम पर बहला-फुसलाकर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व मुंबई जैसे महानगरों में बेच देने की घटना सामने आती रहती है. सोमवार को प्रखंड की दो नाबालिग बच्चियों को गोरक्षा दल के लोगों ने मानव तस्कर गिरोह के हाथों में जाने से पहले उन्हें पुलिस को सौंपा दिया. बच्चियों ने बताया कि मानव तस्करों द्वारा कई दिनों से फोन कर तरह-तरह का प्रलोभन देकर घर से भागने के लिए कहा जा रहा था. दोनों घर से भाग भी गयी. मेदनीनगर बस स्टैंड पर दोनों ने गोरक्षा दल के सदस्यों से लिफ्ट मांगी. रास्ते में पूछताछ करने लगे तो पता चला कि वो घर से भागकर जा रहीं हैं. इसके बाद गोरक्षा दल के लोगों ने दोनों को महुआडांड़ थाना पहुंचा दिया. इसके बाद पुलिस ने दोनों बच्चियों के परिजनों को बुलाकर घटना की जानकारी दी. दोनों बच्चियों ने पुलिस को बताया कि घर से मुख्यमंत्री सारथी योजना का प्रशिक्षण लेने के नाम पर घर से निकले थे. इस संबंध में थाना प्रभारी इंद्रदेव कुमार ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस जांच में जुट गयी है. पुलिस ने पूछताछ के बाद दोनों बच्चियों को परिजनों के हवाले कर दिया.
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