लातेहार. जिले के महुआडांड़ प्रखंड में 46 करोड़ रुपये की लागत से लोध ग्रामीण जलापूर्ति योजना शुरू की गयी थी, लेकिन अब तक किसी को एक बूंद पानी नहीं मिल सका है. तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर 2021 को लोध ग्रामीण जलापूर्ति योजना का उद्घाटन किया गया था. उद्घाटन के ढ़ाई वर्ष से अधिक समय हो गये है, लेकिन प्रखंड वासी इस योजना के लाभ से वंचित हैं. हालांकि इस दौरान कई बार अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के दबाव में पानी आपूर्ति के लिए ट्रायल शुरू किया गया था, लेकिन पानी पाइप से लीक होकर सड़कों पर बहने लगता है. इस मामले को मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने 20 दिसंबर 2023 विधानसभा सत्र के दौरान उठाया था. उन्होंने कहा कि लोध जलापूर्ति योजना से महुआडांड़ में बनी पानी टंकी के निर्माण में गुणवत्ता पर ध्यान में नहीं दिया गया है. पाइपलाइन बिछाने का कार्य भी गुणवत्तापूर्ण नहीं है. इसके बाद भी अब तक योजना शुरू करने को लेकर कोई पहल नहीं हो सकी है.
क्या है योजना
महुआडांड़ प्रखंड के सात पंचायत के 38 गांव के 7000 घरों तक लोध ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत पेयजलापूर्ति करनी थी, जिसमे चटकपुर, चंपा, अक्सी, चैनपुर, अंबोवाटोली, रेंगाई और महुआडांड़ पंचायत शामिल हैं. लोध ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत बूढ़ा नदी में इनटेकवेल बनाया गया है, जबकि मिरगी गांव में 5.10 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट ( जल संशोधन केंद्र) बनाया गया है. इसके अलावा मेढ़ारी, मेराम व महुआडांड़ गांव में पानी की टंकी बनायी गयी है.क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में पेजयल आपूर्ति विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि योजना पूर्ण है. गांव तक पानी पहुंचाने के लिए बिजली की आवश्यकता है. इस योजना के बनाये गये पंप हाउस, वाटर फिल्टर और पानी टंकी में एक साथ बिजली आपूर्ति नहीं होने से पानी टंकी में नही चढ़ पाता है. यही वजह है कि लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने बताया कि महुआडांड़ में बिजली आपूर्ति के लिए ग्रिड का निर्माण अंतिम चरण में है. ग्रिड चालू होते ही पेयजल आपूर्ति शुरू कर दी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है