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जंगल के बीच बने घरों में रहते हैं जेजेएमपी उग्रवादी

उग्रवादी संगठन जेजेएमपी व पुलिस के बीच सोमवार को लातेहार के बोकाखाड जंगल में मुठभेड़ हुई. नवंबर 2022 के बाद जेजेएमपी व पुलिस के बीच जिले के किसी थाना क्षेत्र में मुठभेड़ नहीं हुई है.

लातेहार. उग्रवादी संगठन जेजेएमपी व पुलिस के बीच सोमवार को लातेहार के बोकाखाड जंगल में मुठभेड़ हुई. नवंबर 2022 के बाद जेजेएमपी व पुलिस के बीच जिले के किसी थाना क्षेत्र में मुठभेड़ नहीं हुई है. 28 सितंबर 2021 को सदर थाना क्षेत्र के डगरा पहाड़ में जेजेएमपी उग्रवादियों से पुलिस की मुठभेड़ हुई थी, जिसमें झारखंड जगुआर के एक अधिकारी शहीद हो गये थे. वहीं सुरक्षा बलों ने एक उग्रवादी को मार गिराया था. इसके बाद नवंबर 2022 में सदर थाना क्षेत्र के बेंदि और कुंमडीह जंगल में जेजेएमपी और जिला पुलिस बल के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें पुलिस ने जेजेएमपी के तीन उग्रवादियों काे मार गिराया था. उसी वर्ष होसिर पतरातू के जंगल में जेजेएमपी उग्रवादियों का पुलिस से आमना-सामना हुआ था.उस समय पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार व कारतूस सहित अन्य सामान बरामद किया था. जेजेएमपी उग्रवादियों का बोकाखाड़ का जंगल सुरक्षित ठिकाना रहा है. घने जंगल के बीच बनाये गये घरों में जेजेएमपी उग्रवादी रहते हैं. सुप्रीमो पप्पू लोहरा व लवलेश गंझू अपने दस्ता के साथ अक्सर उक्त घरों में ठहरता है. रविवार शाम उग्रवादियों के ठहरने की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया. बोकाखाड़ लातेहार के आलवा गारू, सरयू व मनिका थाना की सीमा से सटा हुआ है, जिसका लाभ उग्रवादी उठाते रहे है. जंगल में किसका घर है यह कोई नहीं जानता है. घना जंगल होने के कारण उस ओर लोगों का आना-जाना काफी कम होता है.

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